भोपाल नगर निगम में सहायक यंत्री भर्ती पर रोक: विज्ञापन में गड़बड़ी के बाद चयन प्रक्रिया स्थगित, जानिए पूरा मामला

नगर निगम भोपाल में सहायक यंत्रियों (Assistant Engineer) के पदों पर जारी भर्ती प्रक्रिया पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। निगम प्रशासन ने कर्मचारी चयन मंडल (MPESB) को इस संबंध में नियमानुसार संशोधन करने के निर्देश भी दे दिए हैं।

Updated On 2025-11-13 09:11:00 IST

भोपाल नगर निगम भोपाल में सहायक यंत्रियों (Assistant Engineer) के पदों पर जारी भर्ती प्रक्रिया पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। निगम प्रशासन ने कर्मचारी चयन मंडल (MPESB) को इस संबंध में नियमानुसार संशोधन करने के निर्देश भी दे दिए हैं।

नगर निगम के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी पत्र के अनुसार, कर्मचारी चयन मंडल के विज्ञापन क्रमांक 87/2025 (समूह-02, उप समूह-03) में शामिल सहायक यंत्री (सिविल, विद्युत, यांत्रिक) के 17 पदों की भर्ती पर फिलहाल रोक रहेगी।

क्यों लगी भर्ती पर रोक?

नगर निगम के पत्र में यह उल्लेख किया गया है कि विज्ञापन में सहायक यंत्री के पदों को तृतीय श्रेणी (Group-03) में दर्शाया गया है, जबकि नगरीय विकास एवं आवास विभाग के राजपत्र (11 मई 2022) के अनुसार, सहायक यंत्री का पद द्वितीय श्रेणी (Class-II Executive Post) के अंतर्गत आता है। इस पद पर नियुक्ति का अधिकार महापौर परिषद के पास है, न कि कर्मचारी चयन मंडल के पास। इसी वजह से नगर निगम परिषद ने 30 अक्टूबर 2025 को पारित संकल्प क्रमांक-03 के तहत भर्ती प्रक्रिया को नियम विरुद्ध मानते हुए तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के निर्देश जारी किए हैं।

निगम परिषद की बैठक में भी उठा मामला

इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब अधिवक्ता जितिन राठौर ने विज्ञापन में श्रेणीगत गड़बड़ी की शिकायत अपर मुख्य सचिव (सामान्य प्रशासन विभाग) संजय शुक्ला से की। शिकायत के बाद यह मामला नगर निगम परिषद की बैठक में भी उठाया गया। बैठक में निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने भर्ती प्रक्रिया को नियमों के विरुद्ध बताते हुए आसंदी से कार्रवाई रोकने के निर्देश दिए थे।

अब क्या होगा आगे?

नगर निगम प्रशासन ने नियंत्रक, कर्मचारी चयन मंडल मध्यप्रदेश भोपाल को पत्र भेजकर विज्ञापन में आवश्यक संशोधन करने और नियमों के अनुसार नई कार्रवाई करने को कहा है। फिलहाल, सहायक यंत्री भर्ती परीक्षा 2025 स्थगित रहेगी जब तक श्रेणीगत संशोधन और अधिकार निर्धारण की प्रक्रिया पूरी नहीं होती।

रिपोर्ट- एमएम सिद्दकी

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