सोनीपत में जमकर बरसे मेघा: सूर्य देव के नहीं हुए दर्शन, जगह-जगह हुआ जलभराव, जनजीवन प्रभावित  

सोनीपत में अलसुबह हुई बरसात के बाद सड़कों पर पानी नजर आया, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ। वहीं रबी की फसलों को बरसात से लाभ होगा, जिससे किसानों के चेहरे खिले नजर आए।

Updated On 2024-12-24 22:05:00 IST
बरसात के कारण सड़क पर भरा पानी। 

सोनीपत: सर्दी के मौसम में लगातार दूसरे दिन भी मंगलवार को बारिश हुई। अलसुबह बारिश का असर पूरा दिन सड़कों पर दिखाई दिया। विशेषतौर पर सोनीपत शहर में ज्यादा बारिश हुई, जिसके चलते सुबह के समय जलभराव हो गया। वहीं पूरा दिन आसमान में बादल छाए रहे। मौसम विशेषज्ञों (Weather Experts) की मानें तो बूंदाबांदी का मौसम दिसंबर के अंत तक बना रह सकता है, जिसके चलते वातावरण में नमी भी बरकरार रहेगी जो कोहरे को न्यौता देगी। वहीं अगर तापमान की बात करें तो अधिकतम व न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

न्यूनतम तापमान दर्शाया शून्य

तापमान में बढ़ोतरी से ठंड से कुछ राहत तो मिली, लेकिन पूरा दिन चली हवाओं ने ठिठुरन बरकरार रखी। सरगथल में लगे स्वचालित मौसम स्टेशन (एडब्ल्यूएस) में न्यूनतम तापमान शून्य डिग्री दर्शाया गया। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उसमें गड़बड़ी हो सकती है। इस मौसम में शून्य डिग्री तापमान नहीं हो सकता। सर्दी के मौसम में बारिश नहीं हो सकी थी। ऐसे में लोगों को सूखी ठंड (Cold) झेलनी पड़ रही थी। न्यूनतम तापमान 5 डिग्री से नीचे बना हुआ था, वहीं अधिकतम तापमान 22 डिग्री के आसपास दर्ज किया जा रहा था। दो दिन से मौसम का मिजाज बदला है। आसमान में बादल छाने और हवा की गति कम होने से न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी दर्ज हुई है।

शहर में हुआ जलभराव, औसत 1.5 एमएम हुई बारिश

शहर में सुबह हुई बारिश के बाद कई क्षेत्रों में पानी भर गया। मामा भांजा चौक, रोहतक रोड, बहालगढ़ रोड, फाजिलपुर के सामने समेत कई स्थानों पर जलभराव से आने-जाने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। शहर की सड़कों और गलियों में कीचड़ भी फैल गया। सोनीपत बस अड्डे परिसर में भी बस यात्रियों को कीचड़ की वजह से परेशानी झेलनी पड़ी। मौसम विभाग (Meteorological Department) के अनुसार सोनीपत में औसतन 1.5 एमएम बारिश हुई है।

1.45 लाख हैक्टेयर में गेहूं, हुआ फायदा

जिले में शीतकालीन बारिश नहीं हो सकी थी जिसकी वजह से रबी सीजन की फसलों की बढ़वार पर भी असर पड़ रहा था। किसानों को पाले से फसलों को बचाने के लिए सिंचाई करनी पड़ रही है। दो दिन में बूंदाबांदी (Drizzling) से उन्हें राहत मिली है। अब गेहूं के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की सब्जियों की बढ़वार भी बेहतर होगी। जिले में लगभग 1 लाख 45 हजार हैक्टेयर भूमि में गेहूं की बिजाई की गई है। मौसम विभाग के अनुसार 27 दिसंबर को भी बारिश के आसार बन सकते हैं।

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