हरियाणा में खट्टर का बड़ा खुलासा: देवेंद्र कादियान का टिकट कटने पर खट्टर ने बताई अंदर की बात, निर्दलीय जीते थे
हरियाणा के गन्नौर से भाजपा से बागी होकर जीते निर्दलीय विधायक देवेंद्र कादियान के कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री मनोहरलाल खट्टर पहुंचे। उन्होंने देवेंद्र का टिकट कटने पर अंदर की बातें करीब एक साल बाद मंच से बताईं।
सोनीपत के गन्नौर में आयोजित समारोह में केंद्रीय मंत्री मनोहरलाल खट्टर विधायक देवेंद्र कादियान के साथ।
हरियाणा में खट्टर का बड़ा खुलासा : हरियाणा के सोनीपत जिले के गन्नौर हलके से भाजपा का टिकट न मिलने पर बागी हुए देवेंद्र कादियान एक बार फिर सुर्खियों में है। निर्दलीय जीतकर विधायक बने कादियान के कार्यक्रम में पूर्व सीएम व केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शिरकत की। खट्टर ने टिकट कटने व उसके बाद देवेंद्र कादियान के साथ हुए वार्तालाप व घटनाक्रम को लेकर कई राज खोले। हालांकि चुनाव जीतने के बाद कादियान ने भाजपा को समर्थन दे दिया था, लेकिन बागी होने की वजह से अब वे अधिकारिक रूप से भाजपा के सदस्य नहीं हैं। पुरानी नजदीकियों के चलते खट्टर उनके कार्यक्रम में शामिल हुए।
टिकट कटने पर खट्टर को फोन पर कहा था धन्यवाद
युवा सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे खट्टर ने कहा कि जिस दिन टिकटों पर निर्णय हो रहा था, किसकी क्या राय थी, यह तो अंदर की बात है, बताना उचित नहीं। लेकिन सच यही है कि हम देवेंद्र कादियान को भाजपा का टिकट नहीं दे पाए। उसके बाद जब देवेंद्र का फोन आया तो मुझे लगा कि शायद नाराजगी जताएंगे, लेकिन उल्टा उन्होंने धन्यवाद कहकर चौंका दिया। जब मैंने पूछा कि टिकट मिली नहीं, धन्यवाद किस बात का? तो कादियान ने सहजता से कहा- इसमें न आपका कसूर है, न मेरा, यह तो किस्मत का ताना-बाना था।
निर्दलीय खड़े होकर 35 हजार वोटों से जीते
अक्टूबर 2024 में जब भाजपा ने उम्मीदवारों की सूची जारी की और गन्नौर से देवेंद्र कादियान का नाम गायब मिला, तब उन्होंने फेसबुक लाइव पर भावुक होते हुए पार्टी छोड़ी थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि पार्टी ने मुझसे काम करवाया, लेकिन मेहनत का हक नहीं दिया। मेरे बीमार पिता टीवी पर टिकट की खबर का इंतजार करते रहे, बच्चे हॉस्टल से फोन कर पूछते रहे, और अंत में नाम लिस्ट से गायब मिला। आंसुओं से भरे संबोधनों ने कादियान को जनता की सहानुभूति दिलाई और उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान संभाल लिया। नतीजा यह रहा कि करीब 35 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से उन्होंने चुनाव जीतकर सभी को चौंका दिया। भाजपा का आधिकारिक प्रत्याशी तीसरे नंबर पर रहा और महज 17,605 वोट ही जुटा पाया।
जीत के बाद भाजपा को दिया समर्थन
चुनाव परिणामों के बाद भाजपा को हालांकि अपने दम पर 48 सीटें मिल गई थीं और पूर्ण बहुमत भी हासिल हुआ था। लेकिन गन्नौर से जीत दर्ज करने वाले निर्दलीय कादियान ने सबसे पहले भाजपा को समर्थन देने का ऐलान किया। यह कदम एक तरह से उनके खट्टर से जुड़े रिश्ते की झलक माना गया।
इस वजह से पिछले साल नहीं आए खट्टर
खट्टर ने इस मौके पर यह भी साफ किया कि गन्नौर में आयोजित सातवां युवा सम्मान समारोह दरअसल छठे और सातवें का संयुक्त आयोजन है। उन्होंने कहा कि टिकट प्रकरण के कारण हालात ऐसे बने कि अगर मैं तुरंत इस मंच पर आता तो अलग-अलग संदेश निकलते। इसलिए मैंने विलंब किया। कादियान ने भी संकल्प ले लिया था कि जब तक मैं शामिल न होऊं, कार्यक्रम नहीं करेंगे।"
हम दोनों ने सब्जी बेचने से शुरुआत की
मनोहर लाल खट्टर ने मंच से अपने और कादियान के पुराने दिनों की याद भी ताजा की। उन्होंने कहा कि कभी-कभी जब देवेंद्र के संघर्ष को देखता हूं तो मुझे भी अपनी जवानी याद आती है। देवेंद्र ने सब्जी बेचकर जीवन की शुरुआत की और साल 1968 में मैंने भी यही काम करके अपनी राह बनाई थी। उन्होंने यह भी कहा कि उनके लिए फर्क नहीं पड़ता कि कादियान भाजपा के टिकट से जीतते या निर्दलीय। जनता ने उन्हें चुना, यही सबसे अहम है।
सफल व्यवसायी व समाजसेवी की छवि
गन्नौर में देवेंद्र कादियान का सफर यह दर्शाता है कि कैसे भावनाओं और संघर्ष की राजनीति लोगों के दिल को छू जाती है। टिकट कटने के बाद वह जब मंचों पर आंसुओं से भरे संबोधन देते रहे, तब एक सहानुभूति की लहर ने उनका पूरा समीकरण बदल दिया। जनता ने उन्हें न सिर्फ विधायक चुना बल्कि भारी मतों से जिताकर उनके राजनीतिक कद को और मजबूत किया। कादियान न केवल एक सफल व्यवसायी है बल्कि समाजसेवा के क्षेत्र में भी कई काम कर रहे हैं।