हरियाणा में मॉनसून का कहर: सिरसा में छत गिरने से मलबे में दबा दंपती, फसलें डूबीं, SDM कोर्ट में घुसा सांप

10 जिलों में भारी बारिश ने जनजीवन प्रभावित किया। रोहतक के महम में 2500 एकड़ और झज्जर में 500 एकड़ धान, बाजरा और कपास की फसलें पानी में डूब गईं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है।

Updated On 2025-07-16 18:07:00 IST

झज्जर के गांव लड़ायन में पानी भरा। 

हरियाणा में मॉनसून पूरी तरह सक्रिय हो चुका है और बुधवार को राज्य के 10 जिलों में जोरदार बारिश दर्ज की गई। इनमें भिवानी, चरखी दादरी, पानीपत, सोनीपत, फरीदाबाद, यमुनानगर, नूंह, करनाल, झज्जर, जींद और पंचकूला जैसे जिले शामिल हैं। जहां एक ओर यह बारिश गर्मी से राहत लेकर आई है, वहीं दूसरी ओर इसने कई स्थानों पर जनजीवन को प्रभावित भी किया है। सिरसा जिले में बारिश के कारण कच्चे मकान की छत गिरने से चाय पी रहा एक दंपती मलबे में दब गया। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।

खेतों में जलभराव, हजारों एकड़ फसलें डूबीं

बारिश के कारण सबसे ज्यादा मार किसानों पर पड़ी है। रोहतक के महम में लगभग 2500 एकड़ और झज्जर में 500 एकड़ में बोई गई धान, बाजरा और कपास की फसलें पूरी तरह से पानी में डूब गई हैं। खेतों में पानी भर जाने से फसलें गलने की कगार पर हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान की आशंका है। झज्जर और नूंह में जलमग्न खेतों की तस्वीरें सामने आई हैं, जो किसानों की चिंता बढ़ा रही हैं।

वन्यजीवों पर भी असर

बारिश और मौसम के बदलते मिजाज का असर केवल इंसानों पर ही नहीं, बल्कि वन्यजीवों पर भी दिख रहा है। फतेहाबाद के लघु सचिवालय में बने SDM कोर्ट में एक सांप घुस गया, जिससे वहां हड़कंप मच गया। पशु क्रूरता निवारण समिति फतेहाबाद के सदस्य नवजोत ढिल्लों ने सांप को पकड़ा। उन्होंने बताया कि यह इंडियन रैट स्नेक यानी धामन प्रजाति का विषहीन सांप था। ढिल्लों ने जानकारी दी कि जुलाई-अगस्त में बारिश के कारण सांप अपने बिलों से बाहर निकलकर सूखी और सुरक्षित जगहों की तलाश करते हैं, जिस वजह से वे अक्सर रिहायशी इलाकों में आ जाते हैं।

वहीं, पंचकूला के पिंजौर में एक और हैरान करने वाली घटना सामने आई। शिवलोक मंदिर के पास एक तेंदुए का शावक भटकता हुआ दिखाई दिया। सबसे चिंताजनक बात यह थी कि कुछ कुत्ते उसे नोच रहे थे। स्थानीय लोगों ने तुरंत हस्तक्षेप कर कुत्तों को भगाया और वन विभाग को इसकी सूचना दी। वन विभाग की टीम ने शावक को सुरक्षित रेस्क्यू किया और उसे पिंजौर गार्डन में पहुंचाया। वन्यजीव विभाग के इंस्पेक्टर सुरजीत ने बताया कि यह शावक संभवतः अपनी मां के साथ पानी पीने नदी किनारे आया होगा और वहीं से भटक गया। ये घटनाएं दर्शाती हैं कि खराब मौसम वन्यजीवों के लिए भी खतरा पैदा कर रहा है।

अगले 3 दिन का पूर्वानुमान

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग ने आने वाले दिनों के लिए भी बारिश का अलर्ट जारी किया है। करनाल, यमुनानगर, कैथल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, पंचकूला, पानीपत और सोनीपत सहित 8 जिलों में बारिश की चेतावनी दी गई है।

• 17 जुलाई: पंचकूला, यमुनानगर, रोहतक, झज्जर, चरखी दादरी, भिवानी और हिसार जिलों के अधिकतर हिस्सों (50-75%) में बारिश होने की संभावना है। वहीं अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, जींद, पानीपत, सोनीपत, फतेहाबाद, सिरसा, मेवात, पलवल, गुरुग्राम, फरीदाबाद, रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ जिलों में कहीं-कहीं (25-50%) बारिश हो सकती है।

• 18 जुलाई: गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, मेवात, पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, सिरसा, फतेहाबाद, पानीपत और सोनीपत जिलों में कहीं-कहीं (25-50%) बारिश का पूर्वानुमान है। जबकि हिसार, भिवानी, चरखी दादरी, जींद, रोहतक, झज्जर, महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी जिलों के कुछेक क्षेत्रों (25%) में हल्की बारिश हो सकती है।

• 19 जुलाई: अंबाला, यमुनानगर, करनाल और पंचकूला जिलों में कहीं-कहीं (25-50%) बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा रोहतक, सोनीपत, पानीपत, जींद, कैथल, कुरुक्षेत्र, सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, चरखी दादरी, झज्जर, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल और मेवात जिलों के कुछेक (25%) हिस्सों में हल्की बारिश हो सकती है। इस पूरे दौर में प्रदेशभर में मानसून की सक्रियता बनी रहने की उम्मीद है।

तापमान में गिरावट और मौसम का मिजाज

हरियाणा में मंगलवार को अधिकतम तापमान में कोई खास बदलाव दर्ज नहीं किया गया, लेकिन पूरे प्रदेश का औसत अधिकतम तापमान सामान्य से 1.8 डिग्री सेल्सियस नीचे रहा। हरियाणा का सबसे गर्म जिला अंबाला रहा। जहां का अधिकतम तापमान 34.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह गिरावट मानसून और समय-समय पर हो रही बारिश का असर माना जा रहा। रोहतक का अधिकतम तापमान 2.1 डिग्री सेल्सियस घटकर 31.2 डिग्री सेल्सियस रह गया। सिरसा में तापमान में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी दिखी, जहां का पारा 2.4 डिग्री चढ़कर 31.4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।

कुल मिलाकर, हरियाणा में मॉनसून की सक्रियता से जहां एक ओर गर्मी से राहत मिली है, वहीं दूसरी ओर कुछ इलाकों में जलभराव, फसल नुकसान और वन्यजीवों के भटकने जैसी चुनौतियां भी सामने आई हैं। प्रशासन और मौसम विभाग लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और लोगों से सतर्क रहने की अपील कर रहे हैं। 

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