हरियाणा में समय से पहले ठंड की दस्तक: 5 शहरों का पारा 18°C से नीचे, अक्टूबर में बारिश ने बदली हवा

अक्टूबर के शुरुआती 9 दिनों में हरियाणा में 649 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है, जिसने तापमान को सामान्य से नीचे धकेलने में बड़ी भूमिका निभाई। नारनौल और रोहतक में भी दिन का अधिकतम तापमान सामान्य से काफी कम बना हुआ है।

Updated On 2025-10-11 13:40:00 IST

हरियाणा में समय से पहले ठंड शुरू। 

हरियाणा के मैदानी इलाकों में इस बार सर्दी ने समय से पहले दस्तक दे दी है। हिमालयी क्षेत्रों में हो रही बर्फबारी का सीधा असर प्रदेश के मौसम पर दिख रहा है, जिससे सुबह और रात के तापमान में तेजी से गिरावट आई है। यह मौसम का बदलाव न सिर्फ सामान्य जनजीवन को प्रभावित कर रहा है, बल्कि कृषि गतिविधियों जैसे सरसों की बिजाई को भी प्रभावित कर रहा है।

समय से पहले ठंड का आगमन

हरियाणा में ठंड महसूस होने की मुख्य वजह पहाड़ी राज्यों खासकर जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में हो रही बर्फबारी है। पहाड़ों से आ रही ठंडी उत्तर-पश्चिमी हवाओं का दौर 8 अक्टूबर से शुरू हुआ है, जिसने मैदानी इलाकों में रात के तापमान को तेजी से गिरा दिया है।

मौसम में इस बदलाव के कारण हरियाणा के कई शहरों में रात का तापमान सामान्य से काफी कम दर्ज किया जा रहा है। हिसार में न्यूनतम तापमान 16.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हिसार, करनाल, फरीदाबाद, कैथल और महेंद्रगढ़ सहित पांच प्रमुख शहरों में पारा 18 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच चुका है। हालांकि, दिन में अच्छी धूप खिलने के कारण अधिकतम तापमान फिलहाल सामान्य के आसपास बना हुआ है, लेकिन सुबह और शाम को लोग अब हल्की ठंड महसूस कर रहे हैं।

रोहतक और नारनौल में भी सामान्य से कम तापमान

प्रदेश के अन्य जिलों में भी तापमान सामान्य से नीचे बना हुआ है। दक्षिण हरियाणा के नारनौल जिले में अधिकतम तापमान लगातार चौथे दिन भी सामान्य से 7.4 डिग्री सेल्सियस कम रहा, जो मौसम में आए बड़े बदलाव को दर्शाता है। इसी तरह, रोहतक में भी तापमान सामान्य से 4.5 डिग्री कम दर्ज किया जा रहा है। अक्टूबर के पहले सप्ताह में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) के कारण हवा में नमी की मौजूदगी ने भी रात के तापमान को कम करने में अहम भूमिका निभाई है। अक्टूबर में बारिश का रिकॉर्ड: 649% की वृद्धि

इस समय से पहले आई ठंड का एक और बड़ा कारण अक्टूबर के शुरुआती दिनों में हुई रिकॉर्ड तोड़ बारिश है।

• पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के चलते, अक्टूबर के पहले 9 दिनों में हरियाणा में करीब 30 एमएम बारिश दर्ज की गई।

• सामान्यतः अक्टूबर के इन शुरुआती दिनों में औसत बारिश केवल 4 एमएम होती है, लेकिन इस बार 649 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है।

• रिकॉर्ड बताते हैं कि इससे पहले पूरे अक्टूबर महीने में इतनी अधिक बारिश (58.4 एमएम) केवल 2004 में हुई थी। इस अत्यधिक बारिश ने राज्य के अधिकांश जिलों में तापमान को सामान्य से नीचे धकेल दिया।

शुरू हुई सरसों की बिजाई

मौसम में आए इस बदलाव को देखते हुए किसानों ने भी अपनी कृषि गतिविधियां शुरू कर दी हैं। समय से पहले ठंड के आगमन और खेत में नमी की उपलब्धता के कारण किसानों ने सरसों की बिजाई (बुवाई) शुरू कर दी है। मौसम की यह अनुकूलता रबी की फसल के लिए एक सकारात्मक संकेत है।

14 अक्टूबर तक मौसम का पूर्वानुमान

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ ने आगामी मौसम को लेकर पूर्वानुमान जारी किया है। पश्चिमी विक्षोभ के आगे बढ़ने के कारण, 14 अक्टूबर तक हरियाणा में मौसम आमतौर पर खुश्क (सूखा) रहने की संभावना है। मौसम साफ रहने से दिन के तापमान में हल्की बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि, हवाओं का रुख फिर से उत्तर और उत्तर-पश्चिमी होने के कारण रात के तापमान में हल्की गिरावट जारी रहने की संभावना है, यानी सुबह और रात की ठंड बनी रहेगी।

कुल मिलाकर पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी और अक्टूबर की रिकॉर्ड बारिश ने मिलकर हरियाणा में समय से पहले ठंड का माहौल बना दिया है, जो किसानों और आम जनजीवन दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। 


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