डॉक्टरों की हड़ताल: हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में कल 2 घंटे OPD बंद, SMO की सीधी भर्ती रोकने की मांग

हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन ने अपनी मांगों को लेकर 27 नवंबर को सुबह 9 बजे से 11 बजे तक दो घंटे के लिए ओपीडी सेवाएं बंद रखने और पेन-डाउन हड़ताल पर रहने का फैसला किया है।

Updated On 2025-11-26 16:55:00 IST

हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की हड़ताल के कारण कल 2 घंटे OPD बंद रहेगी। 

हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने वाले मरीजों को कल 27 नवंबर को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। अपनी मांगों को लेकर हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन (HCMSA) ने सुबह 9 बजे से 11 बजे तक दो घंटे के लिए ओपीडी सेवाएं बंद रखने और पेन-डाउन हड़ताल पर रहने का फैसला किया है।

डॉक्टरों ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुरुक्षेत्र दौरे के कारण अपनी हड़ताल को टाल दिया था, लेकिन अब राज्य कार्यकारिणी की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया है।

हड़ताल में ये सेवाएं रहेंगी जारी

HCMSA के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजेश ख्यालिया ने स्पष्ट किया है कि यह हड़ताल पूरी तरह से नहीं होगी। मरीजों की सुविधा को देखते हुए कुछ आवश्यक सेवाएं जारी रहेंगी। जैसे आपातकालीन सेवाएं (Emergency), प्रसव कक्ष (Labour Room), ऑपरेशन (Operations)

इन सेवाओं को छोड़कर, सभी ओपीडी सेवाएं दो घंटे के लिए स्थगित रहेंगी।

SMO की सीधी भर्ती पर रोक लगाने की मांग

डॉक्टरों की हड़ताल का मुख्य कारण वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों (SMO) की सीधी भर्ती की सरकार की योजना का विरोध करना है। एसोसिएशन का कहना है कि 2012 के बाद से SMO के पद पर कोई सीधी भर्ती नहीं हुई है। अब सरकार सीधी भर्ती करने की योजना बना रही है, जिससे मौजूदा डॉक्टरों को पदोन्नति (Promotion) के अवसर कम हो जाएंगे। विज का आदेश: डॉ. ख्यालिया ने याद दिलाया कि 3 जून 2021 को तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने स्पष्ट आदेश दिए थे कि SMO की सीधी भर्ती नहीं की जाएगी और मौजूदा डॉक्टरों को पदोन्नति के अवसर दिए जाएंगे। एसोसिएशन इसी पुराने आदेश को लागू करने की मांग कर रही है।

संशोधित ACP ढांचे को जारी करने में देरी

SMO भर्ती के अलावा, डॉक्टरों की एक और बड़ी मांग संशोधित सुनिश्चित करियर प्रगति (ACP) संरचना को तत्काल जारी करना है। एसोसिएशन के राज्य कोषाध्यक्ष डॉ. दीपक गोयल ने बताया कि मुख्यमंत्री ने इस संशोधित एसीपी ढांचे को मंजूरी दे दी है, लेकिन यह मामला अभी तक वित्त विभाग के पास लंबित है। इस ढांचे के लागू होने से डॉक्टरों का वेतनमान मौजूदा ₹8,700 से बढ़कर ₹9,500 हो जाएगा। डॉ. गोयल ने बताया कि वर्तमान में एक सिविल सर्जन को भी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर से कम वेतन मिलता है। संशोधित एसीपी लागू होने से सिविल अस्पतालों के डॉक्टर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों के बराबर वेतनमान पा सकेंगे।

HCMSA ने कहा है कि उन्होंने स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक से मुलाकात की थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। एसोसिएशन ने अपनी समस्याओं को उठाने के लिए मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से भी समय मांगा है। यदि सरकार जल्द उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती है, तो भविष्य में यह हड़ताल और लंबी हो सकती है।

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