अंबाला में भव्य तीज उत्सव: CM सैनी ने चलाई चक्की, हरियाणा की संस्कृति का दिखा अद्भुत नजारा
राज्य स्तरीय तीज उत्सव कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। उनके साथ कैबिनेट मंत्री अनिल विज और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली भी मौजूद थे।
अंबाला में तीज उत्सव में सम्मिलित होने पहुंचे सीएम नायब सिंह सैनी।
हरियाणा के अंबाला में सोमवार को राज्य स्तरीय 'तीज उत्सव' का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की। इस कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री अनिल विज और हरियाणा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली भी मौजूद रहे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री सैनी ने हरियाणा की समृद्ध संस्कृति और कला को दर्शाती प्रदर्शनी का अवलोकन किया। एक स्टॉल पर उन्होंने खुद हाथ से चक्की चलाकर ग्रामीण परंपराओं को याद किया, जिससे महिलाओं और लोगों में काफी उत्साह देखने को मिला।
तैयारियां और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
इस भव्य कार्यक्रम की तैयारियों में प्रशासनिक अमला देर रात तक जुटा रहा। अंबाला के उपायुक्त अजय सिंह तोमर ने बताया कि अंबाला में राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन होना उनके लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि विभिन्न सरकारी विभागों की ओर से स्टॉल लगाए गए, जिनका मुख्यमंत्री ने बारीकी से निरीक्षण किया। इन स्टॉलों में हरियाणा की संस्कृति और कला का जीवंत प्रदर्शन किया गया था।
सुरक्षा की दृष्टि से भी कड़े इंतजाम किए गए थे। पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत ने बताया कि उत्सव के लिए 800 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। अंबाला और आसपास के जिलों से आने वाले लोगों के लिए पर्याप्त पार्किंग की व्यवस्था की गई थी, ताकि किसी को असुविधा न हो। इसके अलावा, ट्रैफिक को सुचारू रूप से चलाने के लिए 10 नाके भी लगाए गए थे।
बड़ी संख्या में महिलाएं उमड़ीं
उपायुक्त अजय सिंह तोमर के अनुसार इस कार्यक्रम में 10 से 12 हजार के करीब महिलाएं और अन्य लोग भारी संख्या में पहुंचे। पूरे उत्सव को हरियाणा की संस्कृति एवं कला को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से सजाया गया था। सरकार का उद्देश्य पूरे प्रदेश में इस त्योहार को हर्षोल्लास के साथ मनाना है। इस दौरान महिलाओं के लिए झूले भी लगाए गए थे, जहां उन्होंने तीज के पारंपरिक गीत गाए और झूलों का आनंद लिया। यह कार्यक्रम न केवल एक त्योहार का जश्न था, बल्कि हरियाणा की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने का एक मंच भी था। मुख्यमंत्री और अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी ने इस उत्सव को और भी खास बना दिया।