बिजली निगम एसडीओ व विधायक के बीच टकराव: एक दूसरे पर लगा रहे धमकी व अभद्र व्यवहार के आरोप 

हिसार में बिजली निगम के एसडीओ ने विधायक नरेश सेलवाल पर धमकी देने व विधायक नरेश ने एसडीओ पर अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया।

Updated On 2024-10-23 20:47:00 IST
बिजली निगम के उच्चाधिकारियों को लिखा गया पत्र व मुख्य सचिव को भेजा पत्र।

उकलाना/हिसार: बिजली निगम के एसडीओ ने विधायक नरेश सेलवाल पर धमकी देने का आरोप लगाया और इस बारे में निगम के उच्चाधिकारियों को भी पत्र भेजा। एसडीओ द्वारा लिखा गया पत्र सोशल मीडिया में वायरल हो चुका है और मामले ने तूल पकड़ लिया है। विधायक नरेश सेलवाल ने प्रदेश के मुख्य सचिव को उपमंडल अधिकारी के खिलाफ अभद्र व्यवहार का आरोप लगाते हुए कार्रवाई के लिए पत्र लिखा। नरेश सेलवाल ने कहा कि भाजपा की सरकार में अधिकारी बेलगाम है। समस्या सुनने की बजाय उन पर ही वह झूठे आरोप लगा रहे हैं।

एसडीओ ने यह लिखा पत्र

उपमंडल अभियंता ने निगम के कार्यकारी अभियंता के कार्यालय में भेजे पत्र में लिखा कि विधायक नरेश सेलवाल के साथ उनके कार्यालय में 8-10 लोग आए। वह उनसे कुछ पूछते इससे पहले ही विधायक नरेश सेलवाल ने कहा कि मैं विधायक हूं, दो मिनट में घर बैठा दूंगा, तरीके से रहना सीख लो। वहीं उनके साथ आए लोगों ने कहा कि हमारे गांव में आना, बिजली वालों को पकड़ कर पीटेंगे, कोई बचाने नहीं आएगा। उनके द्वारा कार्यालय में आकर इस प्रकार की धमकी दी गई और कार्यालय के माहौल को खराब करने की कोशिश की गई है। उपमंडल अभियंता ने पत्र में लिखा कि उनके द्वारा फिर पूछने पर उन्होंने बताया कि उनका फोन नहीं उठाया।

फटेल एक्सीडेंट में गया था एसडीओ

एसडीओ ने बताया कि वह फटेल एक्सीडेंट केस में पूछताछ के लिए प्रदीप निवासी गांव चमारखेड़ा में उनके परिजनों के पास गया था और न ही उसके पास विधायक का नंबर सेव था। एक प्रतिनिधि होने के नाते उनके बात करने का तरीका बिल्कुल भी उचित नहीं था। यदि इस प्रकार की घटना जनप्रतिनिधि द्वारा कार्यालय में की जाती है तो कार्यालय के कार्य में बाधा उत्पन्न हो सकती है और किसी भी बिजली कर्मी के साथ कोई घटना घट सकती है। यह भेजा गया पत्र दिन भर वायरल रहा। इस पत्र की प्रति मुख्य अभियंता दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम जॉन हिसार तथा अधीक्षक अभियंता हिसार को सूचनार्थ भेजी गई।

क्या बोले विधायक नरेश सेलवाल

विधायक नरेश सेलवाल ने बताया कि वह उपमंडल अभियंता को फोन कर रहे थे लेकिन वह फोन नहीं उठा रहे थे। जब इस रास्ते से गुजर रहे थे तो उन्होंने उनसे मिलना उचित समझा और कार्यालय आने की अनुमति मांगी तो उन्होंने अनुमति नहीं दी और कहा कि मैं काम में लगा हुआ हूं। मैं स्टाफ सहित अंदर चला गया और फोन उठाने के लिए कहा तो उपमंडल अभियंता ने उनसे कहा कि मैं किस-किस के फोन उठाऊ, विधायक तो आप जैसे 90 हैं। उन्होंने एसडीओ कहा कि वह जनप्रतिनिधि है, जनता की बात को लेकर वह फोन करते हैं, आप फोन उठा लिया करें और इतना कह कर वहां से चले आए। बाद में क्या हुआ, उसकी कोई जानकारी नहीं है।

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