हिसार का कुणाल मेहता: अमेरिका में 23,000 करोड़ डॉलर की ठगी का मास्टरमाइंड निकला, FBI ने किया रैकेट का भंडाफोड़

कैलिफ़ोर्निया कोर्ट में कुणाल ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया है और उसे दोषी ठहराया गया है। इस हाई-प्रोफाइल मामले ने भारतीय गुप्तचर एजेंसियों को भी कुणाल और उसके परिवार की जांच शुरू कर दी है।

Updated On 2025-11-23 11:46:00 IST

अमेरिका में ठगी करने का आरोपी कुणाल मेहता। 

हरियाणा के हिसार से अमेरिका जाकर एक साधारण पृष्ठभूमि के व्यक्ति ने कैसे एक ऐसे बड़े फ्रॉड को अंजाम दिया, जिसकी गूंज आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुनाई दे रही है? यह कहानी है 45 वर्षीय कुणाल मेहता की, जिसने कथित तौर पर अमेरिकी नागरिकों से 23,000 करोड़ डॉलर (लगभग 19,10,000 करोड़ रुपये) की क्रिप्टोकरेंसी और नकदी की ठगी की। अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई (FBI) ने इस पूरे रैकेट का भंडाफोड़ किया। उसके बाद कैलिफोर्निया कोर्ट में कुणाल मेहता ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया है, जिसके बाद उसे दोषी ठहराया गया। यह मामला न केवल अमेरिका में सनसनीखेज बन गया है, बल्कि भारत विशेष रूप से हरियाणा में, गुप्तचर एजेंसियों को भी इस परिवार के इतिहास की गहराई से जांच करने पर मजबूर कर दिया है।

ऐस किया हिसार से अमेरिका तक का सफर

कुणाल मेहता का अतीत बहुत साधारण रहा है। शुरुआती जांच से पता चला है कि कुणाल के पिता दीपक मेहता वर्ष 2000 से पहले हिसार के मॉडल टाउन इलाके में रहते थे और एक बीमा एजेंट के तौर पर काम करते थे। कुणाल की स्कूली शिक्षा भी हिसार से ही हुई थी। मॉडल टाउन में होंदा राम ढाबे के सामने उनका पुश्तैनी मकान था, जिसे बेचकर यह परिवार दिल्ली चला गया।

दिल्ली में कुछ समय रहने के बाद कुणाल का परिवार संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) में शिफ्ट हो गया, जहां दीपक मेहता की बहन पहले से ही रह रही थीं। इस साधारण बदलाव ने कुणाल की जिंदगी को एक अप्रत्याशित मोड़ दिया जो अंततः उसे अंतरराष्ट्रीय ठगी के एक बड़े जाल का मास्टरमाइंड बना गया।

लग्जरी लाइफस्टाइल और ठगी का साम्राज्य

अमेरिका पहुंचने के बाद कुणाल मेहता की जीवनशैली पूरी तरह बदल गई। सोशल मीडिया पर वह अपनी 'लग्जरी लाइफ' के वीडियो और तस्वीरें पोस्ट करता था, जिनमें निजी जेट (प्राइवेट जेट) का उपयोग, करोड़ों रुपये के विला और निजी सुरक्षा गार्डों की टीम साफ झलकती थी।

हालांकि, यह चकाचौंध भरी जिंदगी ठगी के काले धन से पोषित थी। एफबीआई ने इस गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए कुणाल मेहता की अरबों रुपये की संपत्ति और करोड़ों रुपये की 28 महंगी कारें जब्त की हैं। इन जब्त की गई गाड़ियों में सात लैम्बॉर्गिनी (Lamborghini), तीन फेरारी (Ferrari), एक रोल्स-रॉयस (Rolls-Royce) और एक मैक्लेरेन (McLaren) जैसी सुपरकारें शामिल हैं। कुणाल पर लगे आरोपों की गंभीरता को देखते हुए हरियाणा की एजेंसियां भी अब उसके और उसके परिवार के सारे रिकॉर्ड खंगालने में जुट गई हैं।

ठगी के लिए 'सोशल इंजीनियरिंग' का इस्तेमाल

कुणाल मेहता के गिरोह ने अमेरिकियों को ठगने के लिए 'सोशल इंजीनियरिंग' और अन्य उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल किया। अमेरिकी न्याय विभाग (Department of Justice) के दस्तावेजों के अनुसार ठगी की यह प्रक्रिया मुख्य रूप से इन तीन चरणों में काम करती थी।

1. सोशल इंजीनियरिंग और खातों में सेंध

कुणाल के गिरोह ने अक्टूबर 2023 से मार्च 2025 के बीच पीड़ितों के क्रिप्टोकरेंसी खातों में सेंध लगाने के लिए 'सोशल इंजीनियरिंग' का उपयोग किया। इसका मतलब है कि उन्होंने पीड़ितों को विश्वास में लेकर या धोखा देकर गोपनीय जानकारी हासिल की, जिससे वे उनके खातों तक पहुंच बना सके। अदालती दस्तावेजों के अनुसार उन्होंने ऑनलाइन और नकली फोन नंबरों का इस्तेमाल करके पूरे अमेरिका में पीड़ितों से क्रिप्टोकरेंसी चुराई।

2. काले धन को वैध बनाना (मनी लॉन्ड्रिंग)

चुराई गई क्रिप्टोकरेंसी को वैध (Legitimate) दिखाने के लिए कुणाल मेहता ने फर्जी कंपनियां बनाईं। वह चुराए गए क्रिप्टो को नकदी में बदलने और उसे अन्यत्र हस्तांतरित करने के लिए 10% कमीशन लेता था। कैलिफ़ोर्निया कोर्ट में उसने 2.5 करोड़ डॉलर से अधिक की चोरी की गई क्रिप्टोकरेंसी को वैध बनाने के षड्यंत्र में शामिल होने की बात स्वीकार की है।

3. भोग-विलासिता पर अंधाधुंध खर्च

एफबीआई ने कोर्ट में बताया कि इस समूह ने चोरी किए गए धन का उपयोग अत्यधिक भोग-विलासिता पर किया। यह खर्च चौंकाने वाला था। प्रति रात $500,000 तक की नाइटक्लब सेवाएं। हजारों डॉलर के लग्जरी हैंडबैग, $100,000 से $500,000 की लग्जरी घड़ियां। लॉस एंजिल्स, हैम्पटन और मियामी में किराए पर लिए गए आलीशान घर। निजी जेट का किराया और निजी सुरक्षा गार्डों की एक पूरी टीम।

करोड़ों डॉलर के दो बड़े केस

कोर्ट में कुणाल मेहता पर दर्ज दो बड़े मामलों का हवाला दिया गया। एक मामले में अगस्त 2024 में मेहता के एक सहयोगी ने कोलंबिया में एक युवक से धोखाधड़ी करके 4,100 से अधिक बिटकॉइन प्राप्त किए, जिसका मूल्य उस समय $263 मिलियन (वर्तमान में $384.5 मिलियन से अधिक) था। दूसरे केस में, मेहता की मुलाकात 2024 की शुरुआत में एक मनी एक्सचेंजर से हुई थी, जिसने क्रिप्टो को नकद में बदलने में मदद मांगी। यहीं पर मेहता ने अपने 10% कमीशन पर क्रिप्टो-टू-कैश एक्सचेंज का कारोबार शुरू किया।

कुणाल मेहता को दोषी ठहराया जा चुका है, लेकिन उसे कितनी सजा सुनाई गई है, इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है। यह मामला दिखाता है कि कैसे लालच, तकनीक और संगठित अपराध मिलकर एक ऐसा वित्तीय जाल बुन सकते हैं, जो हजारों करोड़ डॉलर के नुकसान का कारण बन जाता है।


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