नोएडा-दिल्ली और गाजियाबाद में जाम से मिलेगी राहत: सीएमपी प्लान होगा पेश, करेगा इकोनॉमिक ग्रोथ इंजन का काम
Traffic Issue: नोएडा और दिल्ली समेत पश्चिमी यूपी के कई जिलों में जाम से राहत मिलने वाली है। इसके लिए एक कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान बनाया जा रहा है। इससे आने वाले 50 सालों के लिए जाम से राहत मिल जाएगी।
जयपुर के कई इलाकों में 1 महीने तक जाम की स्थिति।
Traffic Issue in Delhi-NCR: दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और मेरठ समेत कई जिलों में जाम से छुटकारा मिलने वाला है। इसके लिए एक प्लान बनाया जा रहा है, जिसे कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान कहा जाता है। इस प्लान को लागू करने के लिए नए सिरे से तैयारी शुरू की जा चुकी है। इसके लिए नोएडा अथॉरिटी अपनी अगली बैठक में संशोधित सीएमपी प्लान पेश करेगी।
इकोनॉमिक ग्रोथ इंजन का काम करेगा सीएमपी
संशोधित सीएमपी प्लान को मंजूरी मिलने के बाद सलाहकार कंपनी का चयन किया जाएगा। इसके लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल जारी किया जाएगा। इस मामले में नोएडा अथॉरिटी के सीईओ ने कहा कि सीएमपी दिल्ली-एनसीआर इकोनॉमिक ग्रोथ इंजन का काम करेगा। इस प्लान को कामयाब बनाने के लिए नोएडा अथॉरिटी और यमुना अथॉरिटी के अधिकारी लगातार मीटिंग्स कर रहे हैं।
एक जिले तक सीमित नहीं होगी सीएमपी
इस मामले में नोएडा अथॉरिटी के एसीईओ सतीश पाल ने कहा कि सीएमपी केवल एक जिले तक सीमित नहीं रहेगा। इसमें दिल्ली-एनसीआर के साथ ही पश्चिमी यूपी के शहर भी कवर होंगे। कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना विकास प्राधिकरण क्षेत्र के साथ ही गाजियाबाद, मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर और इसके आसपास के ट्रैफिक को आसान बनाकर बेहतर कनेक्टिविटी देगा।
पहले भी जारी हो चुका रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल
बता दें कि पहले भी सीएमपी प्लान के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल जारी किया गया था। हालांकि उस समय किसी कंपनी ने इसमें रुचि नहीं दिखाई। अब तीनों प्राधिकरणों (नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना विकास प्राधिकरण) से जो सुझाव मिलेंगे, उन्हें नए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल में शामिल किया जाएगा। संशोधन के बाद कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल जारी किया जाएगा। चयनित सलाहकार कंपनी आने वाले 50 सालों के लिए सड़कों पर पड़ने वाले प्रभाव और उसकी आवश्यकताओं को देखते हुए फैसला लेंगी। इसके लिए रीजनल प्लान बनाया जाएगा।
ऐसे बनेगा रीजनल प्लान
- रीजनल प्लान बनाने के लिए सबसे पहले सलाहकार कंपनी तीनों शहरों के लोकल अथॉरिटी के प्लानिंग सेल से बात करेगी।
- इसके बाद विजिट करके शहरी और ग्रामीण इलाकों के बारे में ब्रीफ रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इस रिपोर्ट में लैंड एरिया, रोड नेटवर्क, लोकेशन, रीजनल इकोनामिक, स्ट्रक्चर उपलब्धता आदि शामिल होंगी।
- इसके बाद इन चीजों से रिलेटेड डाटा एनालिसिस रिपोर्ट बनाई जाएगी। इसमें नेशलन और स्टेट रूल, ट्रांसपोर्ट नेटवर्क, अर्बन ट्रांसपोर्ट नियम, रीजनल ट्रांसपोर्ट पॉलिसी, रजिस्टर्ड वाहनों की संख्या, लैंड यूज और मैप आदि शामिल होंगे।
- इसके बाद इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए प्राथमिक सर्वे प्लान तैयार किया जाएगा। इस सर्वे में पब्लिक और अन्य लोगों से बात की जाएगी।
- इस प्लान के लिए डिटेल सर्वे किया जाएगा, जिसमें कंफर्ट, टाइम, सेफ्टी और सिक्योरिटी के लिहाज से यहां बनीं इमारतों की संख्या, ट्रैफिक, रोड पर स्पीड, पार्किंग आदि की रिपोर्ट बनाई जाएगी।
- इस प्लान में प्रदूषण से संबंधित भी एक महत्वपूर्ण पॉइंट होगा। इसके लिए पेट्रोल, डीजल, सीएनजी, एलपीजी और इलेक्ट्रिक वाहनों की जानकारी लेकर जांच की जाएगी।
- मोबिलिटी प्लान के तहत नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना क्षेत्र में ई-बसों को शामिल किया जाएगा। इसके लिए एडमिन ब्लाक, चार्जिंग स्टेशन, डिपो और वर्कशॉप आदि को लेकर रिपोर्ट बनेगी।
- साथ ही रोड नेटवर्क, इंटर स्टेट कनेक्टिविटी, पार्किंग उपलब्धता, ट्रैफिक सेफ्टी समेत कई बातों को ध्यान में रखते हुए फाइनल ड्राफ्ट तैयार होगा।
- संबंधित कंपनी ये फाइनल ड्राफ्ट समिति के सामने रखेगी। इसके बाद इस ड्राफ्ट के अप्रूव होने के बाद इस सीएमपी पर काम शुरू किया जाएगा।