गुरु गोबिंद सिंह अस्पताल का गिरा प्लास्टर, बाल-बाल बचे नवजात शिशु, बीजेपी ने CM Kejriwal को घेरा
Guru Gobind Singh Hospital Plaster: बीजेपी ने दावा किया कि गुरु गोबिंद सिंह अस्पताल में प्लास्टर गिर गया है। नवजात शिशु बाल-बाल बचे हैं।
Guru Gobind Singh Hospital Plaster: दिल्ली की भारतीय जनता पार्टी ने एक अस्पताल का वीडियो शेयर कर सीएम अरविंद केजरीवाल को स्वास्थ्य के मुद्दे पर घेरा है। दरअसल, बीजेपी ने दिल्ली में स्थित गुरू गोबिंद सिंह हॉस्पिटल का एक वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर साझा किया है। इसमें पार्टी ने दावा किया है कि अस्पताल की छत का प्लास्टर उस समय गिर गया जब नवजात बच्चे अस्पताल में बेड पर थे। सभी नवजात बड़ी मुश्किल से बचे हैं।
सीएम केजरीवाल को स्वास्थ्य मुद्दे पर घेरा
इस वीडियो को शेयर करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने लिखा कि गुरु गोबिंद सिंह अस्पताल में प्लास्टर गिरा, बाल बाल बचे नवजात शिशु। बताओ केजरीवाल, जहां मरीज की जान से ही हो रहा खिलवाड़, उन्हें आप किस मुंह से बताते हैं शानदार अस्पताल। बता दें कि बीजेपी सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार को स्वास्थ्य मुद्दे पर घेरती रही है। जहां वह दवा की जांच का घोटाला हो या फर्जी लैब टेस्ट का मामला हो।
गुरु गोबिंद सिंह अस्पताल में प्लास्टर गिरा, बाल बाल बचे नवजात शिशु।
— BJP Delhi (@BJP4Delhi) January 21, 2024
बताओ केजरीवाल, जहाँ मरीज़ की जान से ही हो रहा खिलवाड़
उन्हें आप किस मुँह से बताते हैं शानदार अस्पताल ? pic.twitter.com/9cuBuDhmEr
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यूजर्स ने दी प्रतिक्रियाएं
एक यूजर भानू लांबा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा कि ऐसे मुख्यमंत्री से क्या उम्मीद की जा सकती है जो सिर्फ अपने शीश महल के बारे में सोचता हो। उन्हें सिर्फ शराब और नकली दवाओं और चिकित्सा परीक्षणों में भ्रष्टाचार से अर्जित धन की परवाह है। वहीं, एक अन्य यूजर दीपक कुमार ने कहा कि यही तो है भ्रष्टाचारी का असली भ्रष्टाचार जो दिल्ली की आम जनता को कीडे मकोड़े समझ कर ऐसी खराब स्वास्थ्य सेवा के हवाले छोड़ दिया। उन्होंने आगे लिखा कि यही है केजरीवाल का असली चेहरा।
दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों और अन्य मेडिकल स्टाफ के पदों की भारी कमी है। इसका भार रेजिडेंट डॉक्टरों पर अधिक पड़ता है। कई अस्पताल ऐसे हैं जहां मशीन है लेकिन डॉक्टर मौजूद नहीं है। दिल्ली सरकार के 31 सरकारी अस्पतालों में से लोकनायक, राजीव गांधी अस्पताल को छोड़कर कहीं भी एमआरआई मशीन उपलब्ध नहीं है। कई अस्पतालों में रेडियोलॉजिस्ट है, लेकिन सीटी स्कैन की मशीन मौजूद नहीं है।