NDLS Stempede: कैसे फेल हुआ नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का क्राउड मैनेजमेंट, जानें भगदड़ के पांच बड़े कारण

NDLS Stempede: बीती रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में 18 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं इस हादसे के पीछे पांच बड़े कारण सामने आ रहे हैं। लोगों का कहना है कि प्रशासन की बड़ी लापरवाही के कारण इस हादसे ने विकराल रूप ले लिया।

Updated On 2025-02-16 12:38:00 IST
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ के पांच बड़े कारण।

NDLS Stempede: शनिवार रात नई दिल्ली रेलवे पर भीड़ के कारण मची भगदड़ में 4 बच्चों समेत 18 लोग अपनी जान गंवां चुके हैं। वहीं 10 यात्री गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं। बता दें कि श्रद्धालू  नई दिल्ली से प्रयागराज महाकुंभ जा रहे थे। लोग ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। रेलवे स्टेशन पर जरूरत से ज्यादा भीड़ पहुंच गई थी, जिसके कारण भगदड़ मची और उसके बाद चीख पुकार मच गई। हालांकि रेलवे स्टेशन पर इतनी भीड़ होना और फिर भगदड़ से लोगों की जान चली जाना, बहुत बड़ी बात है। वहीं इसके पीछे पांच बड़ी लापरवाहियां सामने आई हैं?

भारतीय रेलवे की लापरवाही

सबसे पहली लापरवाही भारतीय रेलवे की तरफ से देखने को मिली। रेलवे के पुलिस उपायुक्त ने बताया कि हर घंटे 1500 सामान्य टिकट बेचे जा रहे थे। इसके कारण रेलवे स्टेशन पर भीड़ बढ़ गई और थोड़ी ही देर में स्थिति बेकाबू हो गई। प्लेटफॉर्म नंबर 14 और 16 के पास एस्केलेरेटर के पास भगदड़ मच गई। इस मामले को लेकर वहां मौजूद लोगों का कहना है कि एस्केलेरेटर भी नहीं चल रहा था। लोगों को सीढ़ियां चढ़ने में काफी दिक्कत हो रही थी। साफ शब्दों में कहा जाए, तो जरूरत से ज्यादा टिकट बेचे गए। अगर इतनी संख्या में टिकट न बेचे जाते इतनी भीड़ भी न होती। 

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1500 टिकट प्रति घंटे बेचे जा रहे 

वहीं इस हादसे की दूसरी लापरवाही बिना टिकट यात्रा करने वाले यात्री रहे। हर घंटे 1500 टिकट बेची जा रही थी और वहीं बड़ी तादाद में ऐसे लोग भी शामिल थे, जिन्होंने टिकट लिया ही नहीं था। बहुत से लोगों ने कहा कि उनके पास कंफर्म टिकट है और उन्हें चढ़ने दिया जाए लेकिन उन्हें सुनने वाला कोई नहीं था।  

स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस और भुबनेश्वर एक्सप्रेस लेट होने के कारण बढ़ी भीड़

इस हादसे का तीसरा कारण था कि भीड़ में लोगों ने धक्का मुक्की करनी शुरू कर दी थी। खबरों की मानें, तो स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस और भुबनेश्वर एक्सप्रेस दोनों ही ट्रेन लेट चल रही थीं। इन ट्रेनों में सफर करने वाले यात्री भी अपनी ट्रेनों का इंतजार करने के लिए प्लेटफॉर्म नंबर 12 और 13 पर खड़े थे। इसके कारण वहां पर लोगों का हुजूम था। रात लगभग साढ़े नौ बजे प्लेटफॉर्म नंबर 15 पर प्रयागराज एक्सप्रेस आ पहुंची। इसमें घुसने के लिए लोगों ने धक्का-मुक्की करनी शुरू कर दी और इस वजह से सीढ़ियों पर खड़े लोग नीचे गिर गए और फिर आसपास भागने वाले लोग उनके ऊपर गिरने लगे। 

सही ढंग से काम नहीं कर पाया मैनेजमेंट

वहां मौजूद लोगों की मानें, तो रेलवे मैनेजमेंट सही ढंग से काम नहीं कर पाया। भगदड़ मचने के बाद वहां मौजूद पुलिसकर्मी और सुरक्षाकर्मी भीड़ को सही ढंग से मैनेज नहीं कर पाए। यानी चौथा बड़ा कारण रहा कि रेलवे मैनेजमेंट में कमी थी। 

समय पर नहीं मिली मदद

वहीं पांचवां कारण ये माना जा रहा है कि अगर भगदड़ मचने के बाद समय पर मदद मिल जाती, तो लोगों की जान बच सकती थी। कहा जा रहा है कि लगभग 1 घंटे तक भगदड़ मची रही लेकिन एनडीआरएफ की टीमें मौके पर नहीं पहुंच पाईं। 

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