AAP का हल्ला बोल: NEET पेपर लीक के खिलाफ जंतर-मंतर पर किया विरोध प्रदर्शन, पीएम मोदी को घेरा

नीट पेपर लीक मामले को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा।

Updated On 2024-06-18 13:28:00 IST
Neet पेपर लीक के खिलाफ AAP का प्रदर्शन।

AAP Protest Against Neet Paper Leak: नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट यानी नीट पेपर लीक पर बवाल शांत होने का नाम नहीं ले रहा। इसको लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। हजारों की संख्या में छात्र सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस मुद्दे पर जहां केंद्र सरकार बैकफुट पर दिख रही है, तो वहीं विपक्ष काफी आक्रमक दिख रहा है। इस बीच दिल्ली के जंतर मंतर पर आज मंगलवार को आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

राखी बिरला ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना

इस दौरान दिल्ली विधानसभा की डिप्टी स्पीकर राखी बिरला ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि चौथी पास राजा की सरकार को बच्चों के भविष्य की चिंता नहीं है। केंद्र सरकार ने नीट पेपर में घोटाला करके देश के मासूम बच्चों के भविष्य के साथ सौदा कर लिया है। इस परीक्षा में कई गड़बड़ियां हुईं, लेकिन शिक्षा मंत्री इसे सामान्य घटना बताते हैं। इस अपंग सरकार को देश के भविष्य की चिंता नहीं है। हम उन्हीं मासूम बच्चों की आवाज को बुलंद करने के लिए विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।

सौरभ भारद्वाज बोले- लाखों बच्चों के साथ धोखा हुआ

वहीं, सौरभ भारद्वाज ने कहा कि केंद्र सरकार को NTA ने देश के बच्चों के साथ धोखा किया है। बच्चों के सपने और भविष्य के साथ धोखा किया है। बिहार और गुजरात में पेपर लीक होने के मामले भी सामने आए, लेकिन केंद्र सरकार चुप्पी साधे रही। वह इस धांधली को छुपाने की कोशिश करती रही। इस मामले में केंद्र सरकार स्वतंत्र जांच कराए और यह सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में हो।

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यह 10th, 11th और 12th के लाखों-करोड़ों बच्चों के भविष्य का सवाल है और AAP इन बच्चों की आवाज़ को मजबूती से उठाएगी। उन्होंने कहा कि करोड़ों मां-बाप चिंता में हैं कि अगर इतनी प्रतिष्ठित और विश्वसनीय मेडिकल की परीक्षा में धांधली होगी तो देश का भविष्य क्या होगा। अगर 50 लाख रुपए देकर प्रश्नपत्र ही मिल जाता है तो उनके बच्चे मेहनत क्यों करेंगे? हमारी मांग है कि सरकार इस मामले में फैसला ले और इस ओर ठोस कदम उठाए जाएं। 

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