नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस: दिल्ली की कोर्ट ने सोनिया-राहुल गांधी को नोटिस जारी करने से फिलहाल किया इनकार
राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश (पीसी एक्ट) विशाल गोगने ने कहा कि जब तक कोर्ट पूरी तरह से संतुष्ट नहीं होती, तब तक ऐसा आदेश पारित नहीं किया जा सकता।
नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली की एक कोर्ट ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी को तत्काल नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया है। ईडी द्वारा आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत न किए जाने पर कोर्ट ने यह निर्णय लिया है। मामले की अगली सुनवाई 2 मई को होगी।
राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश (पीसी एक्ट) विशाल गोगने ने कहा कि जब तक कोर्ट पूरी तरह से संतुष्ट नहीं होती, तब तक ऐसा आदेश पारित नहीं किया जा सकता। न्यायाधीश ने ये भी कहा कि ईडी ने जो भी आरोप पत्र (अभियोजन शिकायत) दायर किया है, उनमें से कुछ दस्तावेज गायब थे।
केंद्रीय एजेंसी ने आरोप पत्र के तहत सोनिया गांधी को आरोपी नंबर एक और राहुल गांधी को आरोपी नंबर दो बताया है। ईडी ने अदालत से आरोपियों को नोटिस जारी करने का आग्रह किया। हालांकि कोर्ट ने इस पर असंतुष्टि जताई। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने कहा कि अदालत अभी संतुष्ट नहीं है कि आरोपी को नोटिस देना जरूरी है। कोर्ट ने ईडी को आरोपपत्र की खामियों को दूर करने और अधिक प्रांसगिक दस्तावेज लाने के लिए कहा है। उसके बाद कोर्ट नोटिस जारी करने पर फैसला करेगी। मामले की अगली सुनवाई दो मई को होगी।
ये है पूरा मामला
नेशनल हेराल्ड केस में गांधी परिवार ही यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के असली लाभार्थी हैं। इस कंपनी ने नेशनल हेराल्ड की मूल कंपनी एजेएल की संपत्ति को सिर्फ 50 लाख रुपये में अपने कब्जे में ले लिया था। ईडी का कहना है कि उस समय इन संपत्तियों की कीमत 2000 करोड़ रुपये थी, जिसकी वर्तमान कीमत अब 5000 करोड़ रुपये है। ईडी ने आरोप पत्र में दावा किया है कि उसने 988 करोड़ रुपये की अपराध आय का पता लगाया है। इसमें से 755 करोड़ रुपये की रियल एस्टेट और अन्य संपत्तियां, 90 करोड़ के शेयर और 142 करोड़ रुपये का किराया शामिल है।