Tihar Jail का कायाकल्प करने वाली किरण बेदी का जन्मदिन आज, पढ़िये अन्ना हजारे से सीएम केजरीवाल तक की अनसुनी कहानियां

देश की पहली महिला आईपीएस अधिकारी रही किरण बेदी कभी अरविंद केजरीवाल की गहरी दोस्त थीं, लेकिन 2012 में ऐसी घटना हो गई, जिसके चलते दोनों के बीच दूरियां बढ़ गईं। उनके जन्मदिन पर पढ़िये उनसे जुड़ी अनसुनी कहानियां...

By :  Amit Kumar
Updated On 2024-06-09 17:39:00 IST
किरण बेदी का जन्मदिन आज।

दिल्ली की तिहाड़ जेल का कायाकल्प करने वाली देश की पहली महिला आईपीएस अधिकारी किरण बेदी का जन्मदिन आज है। उन्होंने न केवल तिहाड़ जेल का कायाकल्प किया बल्कि अन्ना आंदोलन से जुड़कर भ्रष्टाचार के खिलाफ भी आवाज बुलंद की। वे राजनीति में नहीं जाना चाहती थी, लेकिन एक ऐसी घटना हो गई, जिसके चलते उन्हें राजनीति में कूदना पड़ा।

उन्होंने 2015 में भाजपा में शामिल होकर राजनीतिक सफर की शुरुआत की। विभिन्न पदों पर रहते हुए उन्होंने अपनी योग्यता साबित की। वे पुदुचेरी की पूर्व उपराज्यपाल भी रहीं। वर्तमान में वे संयुक्त राष्ट्र संघ के शांति स्थापना ऑपरेशन विभाग में नागरिक पुलिस सलाहकार के पद पर कार्यरकत हैं। अब बताते हैं कि आखिर ऐसा क्या हुआ था, जिस कारण उन्हें राजनीति में क्यों कूदना पड़ा।

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो किरण बेदी ने यह फैसला अरविंद केजरीवाल की वजह से लिया था। किरण बेदी और अरविंद केजरीवाल शुरू से अन्ना आंदोलन से जुड़े थे। 2011 तक दोनों के बीच दोस्ती ठीक चली, लेकिन खटास तब आई, जब 2012 में अरविंद केजरीवाल ने अलग से आम आदमी पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया। अन्ना हजारे की तरह किरण बेदी भी नहीं चाहती थी कि आंदोलन की बजाए राजनीतिक दल बनाया जाए क्योंकि इससे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई कमजोर हो सकती है। लेकिन, अरविंद केजरीवाल ने उनकी बात नहीं मानी, जिसके बाद किरण बेदी ने राह अलग कर ली।

अरविंद केजरीवाल को चुनौती दे डाली

किरण बेदी ने 2015 को भाजपा जॉइन कर ली। इसके एक दिन बाद मीडिया संस्थान को दिए इंटरव्यू में किरण बेदी ने कहा था कि वो अरविंद केजरीवाल को उनके निर्वाचन क्षेत्र से हराना चाहती है। अगर हार भी जाती हैं, तो इसकी परवाह नहीं। मीडिया ने उनके इस बयान को प्रमुखता से छापा था, लेकिन बीजेपी किरण बेदी का नाम बतौर मुख्यमंत्री ऐलान करने से हिचकती रही। हालांकि बीजेपी की ओर से किरण बेदी को जो भी जिम्मेदारियां दी गईं, उन्होंने पूरी ईमानदारी और निष्ठा से निर्वहन किया। आज भी न केवल दिल्ली बल्कि देश की जनता भी उन्हें सशक्त अधिकारी के तौर पर जानती हैं।

तिहाड़ में बंद अरविंद केजरीवाल असुरक्षित?

बता दें कि किरण बेदी ने जिस तिहाड़ जेल का कायाकल्प किया था, कैदियों के लिए कई सुधार कार्यक्रम चलाए थे, आज आए दिन कैदियों के बीच तिहाड़ जेल में खूनी झड़प की घटनाएं सामने आ जाती हैं। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी इसी तिहाड़ जेल में बंद हैं। आम आदमी पार्टी इन घटनाओं के मद्देनजर आशंका जता चुके हैं कि सीएम की जान भी खतरे में है। हालांकि यह सही बात है कि अगर किरण बेदी तिहाड़ जेल की जेलर होती, तो हिंसक झड़प तो दूर की बात, यहां पंछी भी पर मारने से पहले सौ बार सोचता।

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