Bus Marshal: बस मार्शलों को लेकर विधानसभा में होगी चर्चा, AAP सरकार लाएगी प्रस्ताव, नेता विपक्ष बोले- पूरा सहयोग रहेगा

दिल्ली विधानसभा में बस मार्शलों को लेकर आप सरकार एक चर्चा प्रस्ताव लेकर आएगी। इसको लेकर नेता विपक्ष ने कहा कि इन कर्मचारियों के साथ हमारा पूरा सहयोग है और रहेगा।

Updated On 2024-02-20 16:26:00 IST
बस मार्शल।

Bus Marshal Protest: केजरीवाल सरकार मार्शलों को लेकर दिल्ली विधानसभा में एक चर्चा प्रस्ताव लाएगी। दरअसल, सोमवार को दिल्ली विधानसभा में सत्ता पक्ष के सदस्य राजेंद्र पाल गौतम ने अस्थाई कर्मचारियों को पक्का करने का मुद्दा विधानसभा में उठाया और मार्शलों को निकाले जाने के मुद्दे पर विधानसभा में एक प्रस्ताव लाने की मांग की।

इस पर परिवहन मंत्री ने कहा कि मार्शलों को कैसे निकाला गया है हम इसको लेकर प्रस्ताव लाकर चर्चा करवाने के पक्ष में हैं। वहीं, सदन में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने भी कहा कि दिल्ली में बसों में सुरक्षा को दृष्टि में रखते हुए बस मार्शल के पदों को खत्म करने के एलजी के आदेश पर सरकार विधानसभा में एक चर्चा प्रस्ताव लाएगी।

चर्चा करना और प्रस्ताव लाना चाहते हैं- भारद्वाज

विधानसभा में भारद्वाज ने कहा कि गरीब घरों से आने वाले हजारों नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक जो बस मार्शल के रूप में काम कर रहे थे, जिस तरह से उन्हें निकाला गया है, हम उस पर चर्चा करना और प्रस्ताव लाना चाहते हैं। हमारी नेता विपक्ष बिधूड़ी से यही निवेदन है कि वो तैयारी करके आए कि उन बच्चों के लिए आप उपराज्यपाल से क्या करवा सकते हैं और सरकार क्या कर सकती है।

हमारा पूरा सहयोग है और रहेगा- बिधूड़ी

वहीं, नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि पिछले साल अक्टूबर में बसों में काम कर रहे 10 हजार से ज्यादा मार्शलों को आप सरकार ने हटा दिया, लेकिन उनकी वापसी के लिए भी कोई कदम नहीं उठाया और वे भटक रहे हैं। नेता विपक्ष ने कहा कि इन कर्मचारियों के साथ हमारा पूरा सहयोग है और रहेगा।

कर्मचारियों को पक्का करने के लिए उठाई आवाज

दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने राजधानी के डीटीसी में कांट्रेक्ट पर काम कर रहे कर्मचारियों, गेस्ट टीचर्स और कांट्रेक्ट पर काम कर रहे अन्य कर्मचारियों का मामला विधानसभा में उठाया। उन्होंने डीटीसी में काम कर रहे ड्राइवर-कंडक्टर, स्कूलों में काम कर रहे 20 हजार गेस्ट टीचर्स, आंगनवाड़ी और आशा वर्कर्स और होमगार्डस को नियमित करने के लिए केजरीवाल सरकार ने कोई प्रयास नहीं किया। यहां तक कि कांट्रेक्ट कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन भी नहीं दिया जा रहा। डीटीसी के रिटायर्ड कर्मचारियों को महीनों तक पेंशन नहीं दी जा रही। उन्होंने कहा कि सरकार इन कर्मचारियों को न्याय दे और उन्हें तुरंत पक्का करने का वादा पूरा करे।

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