Delhi Riots: 4 साल में उमर खालिद को पहली बार मिली अंतरिम जमानत, शादी समारोह के लिए मांगी थी छूट

दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को पूर्व जेएनयू छात्र उमर खालिद को पूर्वोत्तर दिल्ली दंगों के बड़े षड्यंत्र मामले में अपने चचेरे भाई की शादी में शामिल होने के लिए इन शर्तों के साथ सात दिनों की अंतरिम जमानत दे दी।

Updated On 2024-12-18 18:37:00 IST
उमर खालिद को 7 दिन की अंतरिम जमानत मिली।

Umar Khalid Bail: दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने बुधवार को पूर्व जेएनयू छात्र उमर खालिद को उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के बड़े साजिश मामले में  सात दिन की अंतरिम जमानत दी। खालिद ने यह जमानत अपनी चचेरी बहन की शादी में शामिल होने और परिजनों से मिलने के लिए मांगी थी। अदालत ने उन्हें 28 दिसंबर से 3 जनवरी, 2025 की शाम तक जेल से बाहर रहने की अनुमति दी।  

शादी समारोह में शामिल होंगे उमर खालिद

उमर खालिद ने अपनी अंतरिम जमानत याचिका में बताया कि उनकी चचेरी बहन का निकाह 1 जनवरी को मस्जिद इशाअत इस्लाम, अबुल फजल एन्क्लेव, नई दिल्ली में होगा। इसके बाद कलिंदी कुंज में निकाह और डिनर का आयोजन होगा। हल्दी और मेहंदी की रस्में 30 और 31 दिसंबर को होंगी। उन्होंने यह भी कहा कि वे नागपुर में होने वाले रिसेप्शन में शामिल नहीं होंगे और दिल्ली में ही रहेंगे।  

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क्या है अदालत के निर्देश और शर्तें

शाहदरा जिला अदालत के एडिशनल सेशंस जज समीर बाजपेई ने उमर खालिद को 20,000 रुपये के निजी पर्सनल बॉन्ड पर जमानत दी। अदालत ने शर्त लगाई कि खालिद केवल अपने परिवार, रिश्तेदारों और दोस्तों से ही मिल सकते हैं और वह सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं करेंगे। उन्हें अपने घर या उन स्थानों पर ही रहने का निर्देश दिया गया है, जहां शादी समारोह आयोजित होंगे। 

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उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगे का मामला

उमर खालिद के साथ जामिया के पूर्व छात्र नेता मीरान हैदर, शरजील इमाम, खालिद सैफी के साथ अन्य लोगों पर फरवरी 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों में साजिश रचने का आरोप है। उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता, सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम, शस्त्र अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया गया है। बता दें कि उमर खालिद ने अंतरिम जमानत मांगी थी, जबकि उनकी नियमित जमानत याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय में लंबित है। उनकी ओर से दलील दी गई कि उनके खिलाफ 34 आरोपों में से अधिकांश में उन्होंने या तो सजा पूरी कर ली है या आधी से अधिक सजा भुगत चुके हैं।

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