Delhi Excise Policy: दिल्ली सरकार ने मौजूदा आबकारी नीति की बढ़ाई तारीख, सर्कुलर जारी

Delhi Excise Policy: दिल्ली सरकार ने मौजूदा आबकारी नीति को तीन महीने के लिए बढ़ा दिया है। इसके लिए सर्कुलर भी जारी कर दिया गया है। हालांकि नए संस्करण पर अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है। 

Updated On 2025-03-27 09:06:00 IST
दिल्ली सरकार ने मौजूदा आबकारी नीति की बढ़ाई तारीख।

Delhi Excise Policy: दिल्ली सरकार ने मौजूदा आबकारी नीति को तीन महीने के लिए बढ़ा दिया है। बुधवार 26 मार्च को ये फैसला लिया गया, हालांकि नए संस्करण को लेकर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। आबकारी विभाग की तरफ से नोटिस जारी किया गया है, जिसमें लिखा है कि अथॉरिटी की तरफ से 2024-25 के लिए स्वीकृत नियमों और शर्तों के अनुसार रजिस्टर्ड शराब ब्रांडों की बिक्री के लिए मौजूदा एल-1/एल-1एफ/एल-2 लाइसेंसधारकों की वैलिडिटी को उनके मौजूदा मूल्य पर 30 जून, 2025 तक बढ़ाने को मंजूरी दे दी गई है। 

तीन महीने के लिए बढ़ी मौजूदा आबकारी नीति की तारीख

एल-1 भारतीय शराब, एल-1एफ, विदेशी शराब और एल-2 बीयर की बिक्री के लिए थोक लाइसेंस हैं। आबकारी विभाग की तरफ से जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि जो मौजूदा आबकारी नीति 31 मार्च को खत्म होने वाली थी, उसे 1 अप्रैल से 30 जून तक यानी 3 महीनों के लिए बढ़ा दिया गया है। इस एक्सटेंड पीरियड का लाभ उठाने के इच्छुक लाइसेंसधारकों को उस अवधि के लिए आनुपातिक आधार पर तीन महीने की फीस जमा करनी होगी।

2021-22 में आबकारी नीति के तहत निजी हाथों में चली गई थी दुकानें

बता दें कि दिल्ली में शराब व्यापार के उद्देश्य से 2021-22 के लिए 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति लागू की गई थी। 31 अगस्त, 2022 को ये नीति समाप्त हो गई। नई पॉलिसी के तहत शराब कारोबार से सरकार बाहर आ गई और पूरी दुकानें निजी हाथों में चली गई थीं। दिल्ली सरकार ने दावा किया था कि नई शराब नीति से माफिया राज खत्म हो जाएगा और सरकार का रेवेन्यू भी बढ़ेगा। इस नीति के शुरू करते ही सरकार विवादों में घिर गई। ज्यादा बवाल बढ़ने के बाद 28 जुलाई 2022 को दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने इस नई शराब नीति को रद्द कर दिया। 

अरविंद केजरीवाल सरकार के खिलाफ मुख्य सचिव ने पेश की थी रिपोर्ट

8 जुलाई 2022 को  कथित शराब घोटाले का खुलासा हुआ। दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार की रिपोर्ट में मनीष सिसोदिया समेत आम आदमी पार्टी के कई बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगे। रिपोर्ट में कहा गया कि  शराब नीति घोटाले से दिल्ली को 2026 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा हुआ। इसके बाद एलजी वीके सक्सेना ने सीबीआई जांच की सिफारिश की। 17 अगस्त 2022 को इस मामले में शिकायत दर्ज की गई। इसमें मनी लॉन्ड्रिंग और पैसों की हेराफेरा समेत तमाम मामले दर्ज किए गए। इस मामले में अरविंद केजरीवाल 13 महीने जेल में रहकर जमानत पर बाहर हैं। 

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