DDA ने उठाया बड़ा कदम: दिल्ली में अपनी सभी प्रॉपर्टी का करेगा वैल्यूएशन, सालों बाद पता चलेगा रियल प्राइस

DDA ने राजधानी में अपनी सभी प्रकार की संपत्तियों का वैल्यूएशन कराने का फैसला किया है। इस प्रक्रिया के तहत डीडीए ने टेंडर जारी कर दिया है, जिसकी बोली जमा करने की अंतिम तिथि 25 फरवरी निर्धारित की गई है। मूल्यांकन प्रक्रिया 31 मार्च 2024 की स्थिति के आधार पर की जाएगी। 

Updated On 2025-02-19 17:23:00 IST
दिल्ली में DDA अपनी सभी प्रॉपर्टी का वैल्यूएशन करेगा।

DDA property valuation: दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने राजधानी में अपनी सभी प्रकार की संपत्तियों का मूल्यांकन यानी वैल्यूएशन कराने का एक अहम फैसला लिया है। यह कदम कई सालों के बाद उठाया गया है, जिससे DDA को अपनी संपत्तियों की वास्तविक कीमत का पता चल सकेगा। डीडीए ने इस काम के लिए टेंडर जारी कर दिया है, जिसकी बोली जमा करने की आखिरी तारीख 25 फरवरी निर्धारित की गई है। मूल्यांकन प्रक्रिया 31 मार्च 2024 की स्थिति के आधार पर होगी और चयनित एजेंसियों को ड्राफ्ट रिपोर्ट तैयार करने के लिए 60 दिन और अंतिम रिपोर्ट जमा करने के लिए 30 दिन का समय मिलेगा।

मूल्यांकन में क्या-क्या होगा शामिल?

DDA के इस बड़े पैमाने पर मूल्यांकन में सिर्फ जमीन ही नहीं, बल्कि अलग-अलग तरह की संपत्तियां शामिल होंगी, जिनमें खाली और निर्मित दोनों तरह की जमीन, आवासीय, व्यावसायिक और दुकानों की इमारतें, प्लांट्स और मशीनरी, इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट्स व अन्य संपत्तियां शामिल हैं।

DDA की विशाल संपत्ति व उसकी अहमियत

DDA दिल्ली में प्रमुख भूमि स्वामी एजेंसी है और अब तक 10 लाख फ्लैट्स, 650 कमर्शियल कॉम्प्लेक्स, 22 इंडस्ट्रियल एस्टेट व 3500 से अधिक संस्थागत प्लांट्स विकसित कर चुका है। इसके अलावा लोगों के लिए 15 स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, 39 फिटनेस सेंटर, 2 गोल्फ कोर्स और 26 ग्रीन प्लेग्राउंड बनाए जा चुके हैं। लेकिन राजधानी में जमीन की बढ़ती कमी के चलते, डीडीए को अपनी संपत्तियों की सही स्थिति व मूल्य जानने की जरूरत महसूस हो रही है, जिससे उपलब्ध संसाधनों का बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया जा सके।

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DDA का ये अहम कदम क्यों?

DDA के अधिकारियों के अनुसार यह मूल्यांकन कई बड़े उद्देश्यों को पूरा करेगा। इससे डीडीए को अपनी प्रॉपर्टी का वास्तविक मूल्य पता चलेगा और नीलामी व लीज रेट निर्धारित करने में मदद करेगा। वैल्यूएशन से यह भी पता चलेगा कि डीडीए की कितनी जमीन पर अतिक्रमण है और इसे हटाने की रणनीति बनाई जा सकेगी। डीडीए यह तय कर सकेगा कि कौन-सी जमीन को किस तरह के विकास के कामों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। मूल्यांकन के आधार पर राजस्व के नए तरीके खोजे जाएंगे और यह भी पता चलेगा कि कौन-सी संपत्ति कितनी पुरानी है और उसकी उपयोगिता कितने समय तक बनी रह सकती है। डीडीए की इस पहल से दिल्ली के पुनर्विकास व बुनियादी ढांचे के विस्तार में तेजी आने की उम्मीद है और इससे भविष्य में रिहायशी व व्यावसायिक योजनाओं को नए आयाम मिलेंगे।

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