विज्ञापन से केजरीवाल को किया गायब: आतिशी ने अधिकारी की लगा दी क्लास, कहा- खर्चा आपकी सैलरी से काटी जाए?

Delhi Advertisement Controversy: दिल्ली की सूचना और प्रचार मंत्री आतिशी ने दिल्ली सरकार के एक अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। आतिशी ने यह भी कहा है कि विज्ञापन के पैसे क्यों ना आपकी सैलरी से काट ली जाए।

Updated On 2024-08-22 16:30:00 IST

Delhi Advertisement Controversy: दिल्ली में मंत्रियों और अधिकारियों के बीच फिर से घमासान शुरू हो गया है। राजधानी की राज्य सरकार आम आदमी पार्टी की है, जबकि दिल्ली के तमाम अधिकारियों की नियुक्ति और ट्रांसफर की जिम्मेदारी दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना की है, जो केंद्र के अधीन है। यही कारण है कि दिल्ली के कैबिनेट मंत्री और अधिकारियों के बीच अक्सर मनमुटाव देखने को मिलता है। अब फिर से ऐसा ही कुछ देखने को मिल रहा है। स्वतंत्रता दिवस के दिन अखबार में दिल्ली सरकार की ओर से जो विज्ञापन दिए गए थे, उनमें अरविंद केजरीवाल का फोटो ही नहीं था, इस पर विवाद शुरू हो गया है।

अधिकारी ने प्रभारी मंत्री के निर्देशों का किया उल्लंघन

दिल्ली की सूचना और प्रचार मंत्री आतिशी ने इसको लेकर सूचना एवं प्रचार विभाग के निदेशक और सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। आतिशी ने अधिकारियों को ये नोटिस 20 अगस्त को जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि 14 अगस्त को ही लिखित निर्देश जारी किए गए थे, जिसमें मुख्यमंत्री की फोटो वाले पूरे पेज के विज्ञापन को लेकर क्रिएटिव और मीडिया प्लान को मंजूरी दे दी गई थी, लेकिन फिर भी DIP ने अपने अधिकार का इस्तेमाल करके बिना मंत्री की मंजूरी लिए केजरीवाल की तस्वीर के बिना आधे पेज का विज्ञापन जारी कर दिया, अधिकारी ने प्रभारी मंत्री के निर्देशों का उल्लंघन किया है, यह जानबूझकर किया गया है।

अधिकारी ने इन नियमों को तोड़ा

आतिशी ने नोटिस में आगे लिखा कि आपको कारण बताओ नोटिस दिया जाता है, आपको 3 दिनों के भीतर जवाब देना होगा, नहीं तो आपके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। आपने प्रभारी मंत्री की मंजूरी के बिना विज्ञापन जारी कर दी, इसकी लागत आपके वेतन से क्यों न वसूल ली जाए। अधिकारी ने जिस तरह बिना परमिशन के विज्ञान बदल दिए, यह DIP सचिव और निदेशक द्वारा GNCTD अधिनियम, सुप्रीम कोर्ट के 4 जुलाई, 2018 के फैसले, संविधान के अनुच्छेद 239 एए के साथ-साथ अखिल भारतीय सेवा नियम और 1968 के प्रासंगिक नियमों का खुला उल्लंघन है।

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