Air pollution Delhi: फिर जहरीली हुई दिल्ली की हवा, GRAP-3 की पाबंदियां लागू, इन चीजों पर रहेगा बैन

Air pollution Delhi: केंद्रीय आयोग ने सिफारिश की है कि राज्य सरकार बिगड़ती वायु गुणवत्ता को देखते हुए कक्षा 5 तक के छात्रों के लिए कक्षाएं निलंबित करने पर विचार करें।

By :  Pushpendra
Updated On 2024-01-14 13:46:00 IST
दिल्ली में वायु प्रदूषण।

Air pollution Delhi: देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आबादी अधिक है और इसकी सबसे बड़ी कमी प्रदूषण है। पिछले साल, दिवाली से कुछ महीने पहले से ही शहर में वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी होना शुरू हो गया था। शहर की हवा इतनी जहरीली हो गई थी कि इससे दिल्लीवासियों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा होने लगा था। हालांकि, प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देख दिल्ली में फिर से ग्रैप-3 के प्रतिबंध लागू कर दिए हैं। 

दिल्ली की वायु गुणवत्ता फिर गंभीर

दिल्ली में हवा की गुणवत्ता फिर से 'गंभीर' हो गई है और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CQAM) ने आज रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में जीआरएपी-3 प्रतिबंध फिर से लगा दिए हैं। GRAP-3 प्रतिबंधों के तहत, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में सभी गैर-जरूरी निर्माण कार्य और बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल वाहन चलाना प्रतिबंधित रहेगा। सीएक्यूएम ने आज GRAP के तहत प्रतिबंधों को फिर से लागू करने का फैसला एक आपातकालीन बैठक के बाद किया है। केंद्रीय आयोग ने राज्य सरकारों को 5वीं कक्षा तक की कक्षाएं बंद करने पर निर्णय लेने की भी सलाह दी। 

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आज कितना रहा एक्यूआई

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक ( AQI) आज सुबह 9 बजे गंभीर श्रेणी में 458 पर था। दिल्ली में आज सुबह इस सर्दी का सबसे कम तापमान (3.5 डिग्री) दर्ज किया गया। दिल्ली-एनसीआर के ज्यादातर हिस्सों में भारी कोहरे की जानकारी है। इन इलाकों में विजिबिलिटी शून्य हो गई है। देश के अलग-अलग हिस्सों से दिल्ली आने वाली 22 ट्रेनें देरी से चल रही हैं। भारी कोहरा जारी रहने के कारण दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय (IGI) एयरपोर्ट पर भी कई उड़ानें प्रभावित हुईं। 

हवा में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर या पीएम 2.5, सबसे हानिकारक होता है। यह नाक और गले के माध्यम से आसानी से लोगों की सांसों के साथ शरीर में पहुंच जाता है। पीएम (पार्टिकुलेट मैटर) 2.5 पुरानी बीमारियों, जैसे अस्थमा, दिल का दौरा, ब्रोंकाइटिस और अन्य श्वसन समस्याओं का कारण बन सकता है।

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