Illegal Bangladeshi Immigrants: अवैध बांग्लादेशियों पर शिकंजा, डिपोर्ट के समय लगेगा तकनीकी ठप्पा, वापसी का रास्ता बंद!
Illegal Bangladeshi Immigrants: दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों को डिपोर्ट करने की प्रक्रिया जारी है। दिल्ली पुलिस डिपोर्ट किए जा रहे बांग्लादेशियों पर तकनीकी ठप्पा भी लगा रही है, जिससे उनकी वापसी संभव न हो।
दिल्ली पुलिस
Illegal Bangladeshi Immigrants: बीते कुछ महीने से दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों के खिलाफ धरपकड़ अभियान जारी है। पुलिस की तरफ से कई अभियान चलाए जा रहे हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले शुरू हुई इस कार्रवाई को कामयाब बनाने के लिए अलग-अलग टीमें बनाई गईं, जो अलग-अलग अभियान के तहत बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ रही हैं। पकड़े गए बांग्लादेशियों को डिपोर्ट भी किया जा रहा है।
हालांकि अब तक कई बार ऐसा हुआ कि जिन बांग्लादेशी नागरिकों को डिपोर्ट किया जा रहा था, वो वापस दिल्ली का रुख कर लेते थे। इस मामले में पुलिस ने नया रास्ता अपनाया है। अब भारत से वापस भेजे गए बांग्लादेशी नागरिक फिर से यहां नहीं आ पाएंगे।
दिल्ली में पकड़े जा रहे बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान की जा रही है। इसके बाद दिल्ली पुलिस द्वारा उनका बायोमेट्रिक पहचान पत्र बनाया जा रहा है। अवैध रूप से दिल्ली में रह रहे बांग्लादेशियों को FRRO (Foreigners Regional Registration Office) के जरिए बांग्लादेश डिपोर्ट किया जा रहा है।
बता दें कि दिल्ली पुलिस बांग्लादेशी नागरिकों को वापस भेजती थी, लेकिन वे छिपते-छिपाते फिर वापस दिल्ली आ जाते थे। इनमें से बहुत से बांग्लादेशी नागरिक फर्जी दस्तावेजों के सहारे भारतीय पहचान पत्र जैसे-आधार कार्ड, वोटर कार्ड आदि बनवा लेते थे। दस्तावेज होने के बाद अवैध बांग्लादेशी भारतीय नागरिक बनकर दिल्ली में रहने लगते थे और इनकी पहचान कर पाना भी बेहद मुश्किल होता था। हालांकि अब ये ऐसा नहीं कर पाएंगे, क्योंकि इनका बायोमेट्रिक पहचान पत्र बनाया जा रहा है।
पुलिस अधिकारी ने बायोमेट्रिक पहचान पत्र के बारे में बताते हुए कहा कि अवैध रूप से रह रहे जिन बांग्लादेशियों को डिपोर्ट किया जा रहा है, उनका बायोमेट्रिक पहचान पत्र बनाया जा रहा है। अब अब ये लोग अवैध तरीके से भारत में आते हैं, तो पकड़े जाने पर उनका सारा डेटा पुलिस के सामने आ जाएगा। इनके फिंगर प्रिंट के जरिए सारी जानकारी मिल जाएगी।
ऐसे होगी पहचान
अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की कवायद पर ये पहल शुरू की गई है। बायोमेट्रिक पहचान पत्र में बांग्लादेशी नागरिक की फोटो खींची जाती है। रेटिना और फिंगर प्रिंट लिए जाते हैं। ब्लड ग्रुप, रंग, चेहरे के निशान और कद आदि की जानकारी ली जाती है।