YEIDA Action: नोएडा एयरपोर्ट के पास जमीन के सौदों की जांच करेगा यीडा, जानिये वजह?
दिल्ली एनसीआर में अवैध रूप से कॉलोनियां बसाई जा रही हैं। नोएडा एयरपोर्ट के पास तपाड़ क्षेत्र में भी अवैध प्लॉट काटने के मामले सामने आए हैं। यीडा ने इसे लेकर लोगों को चेताया है।
यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यीडा) ने अपने दायरे में आने वाले क्षेत्रों में अवैध आवासीय प्रोजेक्ट्स की निगरानी शुरू कर दी है। कारण यह है कि कई बिल्डर लोगों को भविष्य में मोटा फायदा पाने का झांसा देकर निवेश करा रहे हैं। विशेषकर, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नजदीक तपाड़ क्षेत्र में ऐसी अवैध कॉलोनियों का पर्दाफाश हुआ है। इसके चलते यीडा ने लोगों को ऐसे बिल्डरों से सावधान रहने के लिए सतर्क किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से यीडा के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि तपाड़ क्षेत्र में कई अवैध कॉलोनियों को विकसित करने के मामले सामने आए। लोगों को 100 गज के प्लॉट 20 से 25 लाख रुपये में अवैध तरीके से बेच रहे हैं। लोग भी उनके झांसे में आ रहे हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि आने वाले समय में इस जमीन की कीमत कई गुना बढ़ जाएगी।
इस अधिकारी ने बताया कि कई प्लॉट कृषि भूमि पर भी होते हैं। यह विकास के लिए अधिसूचित होते हैं। यीडा जब भी ऐसी जमीन का अधिग्रहण करेगी, तो यहां जमीन खरीदने वालों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति न बने, इसके लिए यीडा ने ऐसे बिल्डिरों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की रणनीति बनाई है। इसके तहत गैरकानूनी आवासीय संपत्ति को भी चिंह्निंत किया जाएगा ताकि आम जनता को उनकी लूट से बचाया जा सके।
गुरुग्राम में भी अवैध कॉलोनियां
केवल नोएडा ही नहीं बल्कि दिल्ली एनसीआर के अन्य शहरों में भी कई बिल्डर अवैध तरीके से रिहायशी कॉलोनियों को विकसित करने में जुटे रहते हैं। गुरुग्राम में भी ऐसे ढेरों मामले सामने आए थे, जब मकान बनाने के बाद पता चला कि उनकी जमीन उनकी नहीं बल्कि सरकारी है। चार दिन पहले यानी 18 जुलाई को भी टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट ने गुरुग्राम के अलीपुर और भोंडसी गांव में अवैध कॉलोनियां और सड़क मार्ग को बुलडोजर से ध्वस्त किया था।
अधिकारियों का कहना है कि अलीपुर में 12.5 एकड़ जमीन पर अवैध रूप से तीन कॉलोनियां बसाई जा रही थी। इस जमीन पर कुछ लोगों ने मकान बनाने भी शुरू कर दिए थे। लोगों को बार-बार जागरूक किया जाता है कि जमीन खरीदने से पहले संबंधित विभागों से जांच करा लें। इसके बावजूद अवैध कॉलोनी बनाने वाले बिल्डरों के झांसे में आ जाते हैं, जिसकी वजह से पछताना पड़ता है।