Israel Iran War: दुनिया का पहला सीजफायर, जिसकी भनक सैन्य अधिकारियों को भी नहीं लगी
World First Ceasefire: ईरान और इजरायल के बीच सीजफायर जारी है। यह साल सीजफायर के लिए पहचाना जाएगा। आज आपको दुनिया के पहले अनोखे सीजफायर के बारे में बताने जा रहे हैं।
ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ल अली खामेनेई, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू।
Israel Iran War: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दो देशों के बीच सीजफायर कराने वाले नेता के रूप में पहचाना जा रहा है। उन्होंने पहले भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने का दावा किया था, वहीं अब इजरायल और ईरान के बीच भी सीजफायर करवाकर युद्ध रूकवाने का क्रेडिट लेने का प्रयास किया है। हालांकि पूरी दुनिया जान चुकी है कि भले ही ईरान और इजरायल के बीच सीजफायर हो चुका है, लेकिन दोनों देशों के बीच खाई गहरी है। इसके चलते कभी भी दोनों देश फिर से युद्ध की स्थिति में आ सकते हैं।
अगर ऐसा हुआ तो ट्रंप फिर से शांति के मसीहा बनकर सामने आएंगे क्योंकि सभी जान चुके हैं कि ट्रंप का एकमात्र उद्देश्य नोबल शांति पुरस्कार हासिल करना है। खैर, यह तो इस सवाल का जवाब भविष्य के गर्भ में छिपा है, लेकिन आज हम आपको सीजफायर के इतिहास के बारे में बताएंगे कि पहली बार सीजफायर कब और किन देशों के बीच हुआ। आगे पढ़िये दुनिया के इस पहले अनोखे सीजफायर की कहानी...
24 दिसंबर को 1914 को हुआ था पहला सीजफायर
प्रथम विश्व युद्ध 28 जुलाई 1914 से शुरू होकर 11 नवंबर 1918 तक चला। इस प्रथम विश्व युद्ध के दौरान पहली बार अनौपचारिक सीजफायर (World First Ceasefire) 24 दिसंबर 1914 को हुआ था। अनौपचारिक सीजफायर इसलिए माना गया क्योंकि जर्मनी के सैन्य अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। जर्मनी ही नहीं बल्कि फ्रांस और यूके ने भी इस अनौपचारिक सीजफायर के लिए सहमति दे दी थी। कारण यह था कि वे क्रिसमस मनाना चाहते थे और क्रिसमस सप्ताह के दौरान किसी भी प्रकार का खून खराबा नहीं चाहते थे। ऐसे में गुपचुप तरीके से अनौपचारिक सीजफायर कर लिया गया।
कई रिपोर्ट्स के हवाले से बताया जाता है कि यह सीजफायर क्रिसमस के पूरे सप्ताह तक चला था। ब्रिटिश और जर्मन सैनिकों ने क्रिसमस सप्ताह के दौरान न केवल मिठाइयां बांटी बल्कि छोटे कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। कुछ रिपोर्ट्स के हवाले से यह भी बताया जाता है कि क्रिसमस के लिए किया गया यह सीजफायर तब तक चलता रहा, जब तक इसकी भनक जर्मनी सेना के उच्च अधिकारियों तक नहीं पहुंची। उच्च अधिकारियों को जब इसका पता चला तो उन्होंने इस सीजफायर को तुड़वाने के लिए षड्यंत्र रचा, जिसमें उन्हें कामयाबी मिल गई और फिर से फ्रांस, यूके और जर्मनी के सैनिक दोबारा से युद्ध में कूद गए।
दुनिया के पहले सीजफायर को ऐसे तुड़वाया
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जर्मन के सैन्य अधिकारियों को जब इस अनौपचारिक सीजफायर की जानकारी मिली तो उन्होंने सैनिकों को निर्देश दिए कि वे क्रिसमस ट्री जलाएं। इसके बाद यह जानकारी पश्चिमी मोर्चे तक फैल गई। विशेषज्ञों के हवाले से बताया गया कि जब तक क्रिसमस के पेड़ नहीं जलाए गए तब तक मोर्चे पर सभी पक्षों के सैनिकों के बीच मानवीय भावना और प्रबल भाइचारा था। लेकिर, क्रिसमस ट्री जलाने के बाद से फिर सैनिकों के बीच खाई गहरी होने लगी और फिर से युद्ध शुरू हो गया।
जानकारों की मानें तो इसके बाद कभी भी इस तरह का सीजफायर नहीं हुआ। इस सीजफायर को इसलिए भी अनोखा माना गया क्योंकि यह आला सैन्य अधिकारियों की जानकारी के बिना और शांति संधि पर हस्ताक्षर के बीच हुआ था। अगर कभी सीजफायर का जिक्र होगा, तो ट्रंप का नाम अवश्य याद आएगा, लेकिन इस यह कहानी भी अवश्य याद आएगी।