Delhi Riots 2020 Case: दिल्ली हाई कोर्ट से उमर खालिद-शरजील इमाम समेत 9 आरोपियों की जमानत याचिका खारिज
Delhi Riots Case: दिल्ली दंगों के आरोपी उमर खालिद और शरजील इमाम समेत 9 आरोपियों की जमानत याचिका मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट से खारिज हो गई। ये दोनों आरोपी पिछले 5 साल से UAPA मामले में जेल में बंद हैं।
दिल्ली दंगों के आरोपी उमर खालिद और शरजील इमाम।
Delhi Riots Case: उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 2020 में हुए दंगों की बड़ी साजिश रचने के आरोप में जेल में बंद उमर खालिद और शरजील इमाम को दिल्ली हाईकोर्ट से झटका लगा है। दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद, स्टूडेंट एक्टिविस्ट शरजील इमाम, शिफा-उर-रहमान और गुलफिशा फातिमा समेत 9 आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी। बता दें कि उमर खालिद और शरजील इमाम पिछले 5 सालों से UAPA मामले में जेल में बंद हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस शालिंदर कौर की बेंच ने इस मामले में सुनवाई की। बेंच ने उमर खालिद और शरजील इमाम के साथ ही अथर खान, मीरान हैदर, शिफा-उर-रहमान, गुलफिशा फातिमा और अब्दुल खालिद सैफी की जमानत याचिकाओं को भी खारिज कर दिया है।
बता दें कि इससे पहले निचली अदालतों ने भी दिल्ली दंगों के इन 9 आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया था। आरोपियों ने इस आदेश को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी, हालांकि यहां से भी आरोपियों के हाथ निराशा ही लगी।
सुनवाई के दौरान उमर खालिद के वकील त्रिदीप पैस ने दलील दी कि बिना मैसेज भेजे सिर्फ व्हॉट्सएप ग्रुप में रहना कोई अपराध नहीं है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि उमर खालिद के पास से किसी तरह की आपराधिक चीज या पैसा आदि बरामद नहीं हुआ है। 23-24 फरवरी 2020 की रात को हुई कथित बैठक गुप्त नहीं थी। उन्होंने आगे दलील दी कि 2021 में जमानत पर रिहा हुए तीन सह-आरोपियों के साथ ही ये भी समानता के आधार पर जमानत पर रिहा होने के हकदार हैं।
वहीं शरजील इमाम की तरफ से पेश वकील तालिब मुस्तफा ने दलील दी है कि वो सभी सह-आरोपियों से पूरी तरह से अलग है। तालिब ने कहा कि दिल्ली पुलिस की तरफ से लगाए गए आरोप में कहा गया कि शरजील इमाम षड्यंत्रकारी हैं और वो षड्यंत्रकारी बैठकों में शामिल हुए हैं, जो पूरी तरह से गलत है। पुलिस ने दिल्ली दंगों में 23 जनवरी 2020 को आरोपी शरजील इमाम की भूमिका बताई। जिस भाषण का दिल्ली पुलिस हवाला दे रही है, वो बिहार में दिए गए एक भाषण की क्लिप है।
वहीं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुनवाई के दौरान कहा कि आरोपियों ने एक विशेष दिन चुना। आरोपी दिल्ली में अधिक दंगे फैलाकर और आगजनी करके विश्व स्तर पर देश को बदनाम करना चाहते थे। वहीं दिल्ली कोर्ट की तरफ से खारिज की गई जमानत याचिका के बाद आरोपियों के वकील ने कहा कि वो दिल्ली हाईकोर्ट के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि फरवरी 2020 में दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाकों में भीषण दंगे हुए थे। इस दौरान 50 से ज्यादा लोगों की जान गई। वहीं 700 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। दंगाइयों ने कई गाड़ियों, घरों और दुकानों को आग के हवाले कर दिया था। इससे करोड़ों की संपत्ति का भी नुकसान हुआ।