Child Trafficking: दिल्ली में बच्चों की तस्करी पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता, केंद्र से मांगी रिपोर्ट
Supreme Court On Child Trafficking: दिल्ली में बढ़ रही बच्चा तस्करी की घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से रिपोर्ट पेश करने को कहा है, जिसमें इस अपराध को रोकने के लिए उठाए गए कदमों का ब्योरा हो।
बच्चों की तस्करी पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता।
Supreme Court On Child Trafficking: राजधानी दिल्ली में बच्चों की तस्करी की घटनाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर की है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में बाल तस्करी बढ़ गई है। अदालत जानना चाहती है कि राजधानी में इस अपराध को रोकने के लिए सरकार क्या कर रही है? इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक हफ्ते के अंदर केंद्र सरकार से डिटेल रिपोर्ट मांगी है, जिसमें बच्चा तस्करी को रोकने के लिए उठाए गए कदमों का पूरा ब्योरा हो।
दरअसल, सोमवार को जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की बेंच एक ऐसे मामले की सुनवाई कर रही थी, जिसमें एक बड़े इंटरस्टेट बाल तस्करी रैकेट के बारे में चिंता जताई गई थी। इस मामले में कई आरोपियों ने कथित तौर पर बच्चों का किडनैप किया और उन्हें दूसरे राज्यों में निसंतान दंपतियों को बेच दिया। इस दौरान कोर्ट ने दिल्ली में बच्चा तस्करी की घटनाओं पर चिंता जताई।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा, 'हम केंद्र सरकार से जानना चाहते हैं कि दिल्ली में बढ़ते अपराध को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं? ऐसी रिपोर्ट जल्द से जल्द दाखिल की जाए।' साथ ही कोर्ट ने कहा कि जहां तक दिल्ली का संबंध है, बाल तस्करी के मामलों की वर्तमान स्थिति क्या है? जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने कहा कि अपराध की गंभीर प्रकृति और आरोपियों द्वारा अपनाई गई कार्यप्रणाली को देखते हुए हाईकोर्ट को आरोपियों के पक्ष में अपने विवेक का प्रयोग नहीं करना चाहिए था। अदालत ने कहा कि यह कहते हुए दुख हो रहा है कि हाईकोर्ट ने सभी जमानत याचिकाओं पर बहुत ही लापरवाही से कार्रवाई की।
इन आदेशों की जांच करेगा सुप्रीम कोर्ट
बच्चा तस्करी के मामले पर सुनवाई के दौरान न्यायमित्र वरिष्ठ अधिवक्ता अपर्णा भट्ट ने कोर्ट में बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बाल तस्करी के एक मामले में दो आरोपियों को रिहा कर दिया है। इस पर अदालत ने निर्देश दिया कि बेंच यह जानना चाहेगी कि जमानत किस आधार पर दी गई? अदालत ने कहा, 'हमें सूचित किया गया है कि हाल ही में बाल तस्करी के अपराध में आरोपित कुछ अभियुक्तों को निचली अदालत ने रिहा कर दिया है। हम उन जमानत आदेशों पर एक नजर डालना चाहेंगे।' इस मामले की अगली सुनवाई 18 अगस्त को होगी।
कोर्ट ने व्यक्त की नाराजगी
सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि आरोपियों को जमानत देते समय हाईकोर्ट से यह अपेक्षा थी कि वह उन पर सप्ताह में एक बार संबंधित पुलिस स्टेशन में हाजिरी दर्ज कराने की शर्त लगाए, जिससे पुलिस सभी आरोपियों की गतिविधियों पर नजर बनाए रख सके। हालांकि हाईकोर्ट ने सिर्फ आरोपियों को निचली अदालत में उपस्थित रहने का निर्देश दिया। इसके कारण पुलिस आरोपियों तक नहीं पहुंच पाई।