SC on Bihar SIR: बिहार ड्राफ्ट रोल में छूटा नाम, तो कर सकेंगे ऑनलाइन आवेदन, मान्य होगा आधार कार्ड

Supreme Court: बिहार एसआईआर पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि जिनका नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में नहीं है, वे लोग ऑनलाइन माध्यम से आवेदन जमा कर सकेंगे। आवेदन करने के लिए आधार कार्ड भी मान्य होगा।

Updated On 2025-08-22 17:06:00 IST

सुप्रीम कोर्ट ने एमसीडी को लगाई फटकार।

Supreme Court on Bihar SIR: बिहार एसआईआर (स्पेशल इंटेंसिव रिविजन) मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अहम आदेश दिया। अब ऐसे लोग भी आवेदन कर सकेंगे, जिनका नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में नहीं है। वे अपना आवेदन ऑनलाइन माध्यम से जमा कर सकेंगे, उन्हें फॉर्म को भौतिक रूप से जमा करना जरूरी नहीं है। कोर्ट ने कहा कि एसआईआर की प्रक्रिया के दौरान वोटर्स द्वारा चुनाव आयोग को दिए जाने वाले ग्यारह दस्तावेजों में से कोई भी दस्तावेज जमा कराया जा सकता है। इनमें आधार कार्ड भी मान्य होगा।

बता दें कि जस्टिस सूर्यकांत और जॉयमाल्या बागची की बेंच ने राजनीतिक पार्टियों की निष्क्रियता के लिए हैरानी जताई है। दरअसल, बिहार एसआईआर मामले मे निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि SIR प्रक्रिया पर जो राजनीतिक पार्टियां शोर मचा रही हैं, उन्होंने अब तक आयोग में एक भी आपत्ति दर्ज नहीं कराई है। राजनीतिक पार्टियों के 1.61 लाख बूथ लेवल एजेंट हैं। नियम के अनुसार, एक बीएलए एक दिन में 10 आपत्तियां या सुझाव दर्ज करा सकता है। उन लोगों को समय की कोई दिक्कत नहीं है। आयोग ने बताया कि 1 अगस्त के बाद दो लाख 63 हजार नए वोटर रजिस्ट्रेशन की अर्जी दे चुके हैं।

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि राजनीतिक दलों की निष्क्रियता बेहद हैरान करने वाली है। आपने बूथ स्तर एजेंट नियुक्त कर दिए। इसके बाद आप क्या कर रहे हैं। आम जनता और स्थानीय राजनीतिक कार्यकर्ताओं के बीच इतनी दूरी क्यों है? लोगों की मदद के लिए राजनीतिक दलों को आगे आना चाहिए।

निर्वाचन आयोग के वकील राकेश द्विवेदी ने कहा कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा था कि जिन 65 लाख लोगों के नाम ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से हटाए गए हैं उनके नाम ड्राफ्ट लिस्ट में शामिल न करने की वजह बतानी होगी। निर्वाचन आयोग की तरफ से बताया गया कि 14 अगस्त को निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर पोलिंग बूथवार सूची शेयर की गई है। ड्राफ्ट लिस्ट में नाम शामिल न किए जाने के कारणों का भी खुलासा किया गया है।

वकील ने बताया कि बीएलए को इस बारे में जानकारी दी जा चुकी है। पंचायत और बीडीओ के ऑफिस में पोस्ट कराने के निर्देश दिए गए हैं। सोशल मीडिया पर भी इसकी जानकारी दी गई है। साथ ही इस बात की जानकारी भी दी गई है कि 65 लाख लोग डिजिटल रूप से भी जानकारी हासिल कर सकते हैं और 11 दस्तावेजों के साथ ही अपना आधार कार्ड जमा करा सकते हैं। अब सुधार के लिए लोगों को आवेदन करने के साथ ही फॉर्म-6 के जरिए दावा करना होगा।

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