Delhi MCD: दिल्ली की सड़कों पर घूम रहीं गाय, 20 साल में एक भी गौशाला नहीं बना पाया नगर निगम

Delhi MCD: दिल्ली की सड़कों पर हजारों आवारा गाय घूम रही हैं, जो सड़कों पर पड़े कूड़े को खाने के लिए मजबूर हैं। वहीं दिल्ली नगर निगम ने इस समस्या को काफी सालों से अनदेखा किया हुआ है।

Updated On 2025-08-26 13:18:00 IST

दिल्ली में आवारा गौवंशों की समस्या।

Delhi MCD: दिल्ली की सड़कों पर अकसर आपने आवारा गायों को घूमते और कचरा खाते देखा होगा। इन गायों को गऊशाला में रखने की जिम्मेदारी दिल्ली नगर निगम की है लेकिन इसके बावजूद हजारों गाय सड़कों पर घूम रही हैं। ये गाय केवल गली मोहल्लों में नहीं बल्कि प्रमुख सड़कों पर भी घूमती हैं। कई बार बीच सड़क पर गायों के खड़े होने और बैठने से लंबा जाम लग जाता है और लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

गायों का सड़कों पर इस तरह घूमना सिर्फ लोगों के लिए नहीं बल्कि उन गायों के लिए भी हानिकारक है। कई बार लोग गायों को लाठी मार देते हैं। चौंकाने वाली बात ये है कि इन आवारा गायों को रखने और उनके खाने का प्रबंध करने की जिम्मेदारी नगर निगम की होती है। ऐसे में इस तरह से सड़कों पर गायों का घूमना एमसीडी की कार्यशैली पर बड़ा सवाल उठाती है।

जानकारी के अनुसार, पिछले 20 सालों में दिल्ली नगर निगम एक भी नई गौशाला नहीं बना पाया। एमसीडी के पशु चिकित्सा विभाग के आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान समय में गौशालाओं में 20,485 गायें हैं। हालांकि इन गऊशालाओं की क्षमता 19838 गायों को रखने की है। अब गायों की संख्या गौशालाओं की क्षमता से काफी ज्यादा है। इसकी वजह से बाकी की गाय सड़कों पर घूम रही हैं।

बता दें कि 1990 के दशक में दिल्ली में 6 गौशालाएं बनाई गई थीं। तीन नरेला और बवाना में बाकी की तीन नजफगढ़ में। इनमें से एक गौशाला को शुरुआती दौर में ही बंद कर दिया गया। खराब प्रबंधन और गायों की असामान्य मृत्यु दर के कारण साल 2018 में नजफगढ़ की अचार्य सुशील मुनि गौशाला भी बंद हो गई। नई गौशाला बनाने के लिए बार-बार मांग उठाई जा रही है लेकिन प्रशासन की तरफ से इस समस्या के बारे में कोई समाधान नहीं निकाला गया।

नरेला जोन की प्रतिनिधि अंजू देवी ने इस मुद्दे पर बात करते हुए बताया कि नरेला में गौशालाएं तो हैं लेकिन वो नई गायों को नहीं ले रही हैं। ऐसे में सरकार को नई गौशालाएं बनाने पर ध्यान देना चाहिए। जब तक नई गौशालाएं नहीं बनतीं, तब तक पड़ोसी राज्यों से मदद लें।

बता दें कि 20 अगस्त को एमसीडी की स्थायी समिति की बैठक हुई। इस बैठक में भी गौशालाओं की बदहाली का मुद्दा गूंजा। ऐसे में देखने वाली बात ये होगी कि इस मुद्दे पर प्रशासन की तरफ से क्या कदम उठाए जाते हैं?

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