दिल्ली का सबसे बड़ा फ्रॉड: मुंबई पुलिस अधिकारी बन रिटायर्ड बैंकर से 23 करोड़ ठगे, 1 महीने रखा कैद

दिल्ली पुलिस ने अब तक के सबसे बड़े फ्रॉड का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने एक रिटायर्ड बैंकर को डिजिटल अरेस्ट कर करीब 23 करोड़ ठगी की।  

By :  sapnalata
Updated On 2025-09-21 17:15:00 IST

 रिटायर्ड बैंकर को डिजिटल अरेस्ट कर करीब 23 करोड़ की ठगी की। 

Cyber crime: दक्षिण दिल्ली के एक रिटायर्ड बैंकर को डिजिटल अरेस्ट कर करीब 23 करोड़ की ठगी का मामला सामने आया है। आरोपियों ने खुद को मुंबई पुलिस अधिकारी बताकर उन्हें करीब एक महीने तक उनके घर में वर्चुअली कैद रखा। पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है। इसके साथ जांच भी शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि ठगों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

पुलिस ने बताया कि  दक्षिण दिल्ली एक 78 वर्षीय रिटायर्ड बैंकर नरेश मल्होत्रा हौजखास, गुलमोहर पार्क के पास अकेले रहते हैं। ठगों ने उन्हें उनके ही घर में 4 अगस्त से 4 सितंबर तक डिजिटली कैद रखा और अब तक करीब 23 करोड़ रुपए ठग लिए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, साइबर ठगों ने खुद को मुंबई अधिकारी बताकर नरेश को डराया था। ठगों ने बताया कि उनका आधार कार्ड डिटेल टेरर फंडिंग पुलवामा हमले में इस्तेमाल किए गए बैंक खातों से जुड़ी है। ठगों ने पीड़ित को धमकी देकर कहा कि अगर इस बारे में उसने किसी से कहा तो वे उनकी दोनों बेटियों के पतियों और बच्चों को मार देंगे।

दिल्ली पुलिस की IFSO (इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रेटेजिक ऑपरेशन) यूनिट ने बताया कि उन्हें इस मामले की सूचना शुक्रवार को पीड़ित ने दी। पुलिस ने उनकी शिकायत पर ठगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। पीड़ित ने बताया 1 अगस्त को उनके लैंडलाइन पर एक अज्ञात व्यक्ति का फोन आया। कॉलर ने खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताया। कहा कि उनके आधार कार्ड का दुरुपयोग किया गया है, उनकी सभी संचार लाइनें बंद कर दी जाएंगी।

इसके बाद ठगों ने उनके बारे में और बैंक खातों और लॉकरों के बारे में निजी जानकारी ली और उनके ठिकानों सहित शेयर करने के लिए मजबूर किया गया। पीड़ित ने बताया कि उन्हें अदालत का फर्जी नोटिस भेजकर, उनकी प्रॉपर्टी पासपोर्ट जब्त करने का दावा किया।

इसके बाद आरोपियों ने पीड़ित से कहा कि अपनी इक्टिव होल्डिंग्स बेचकर 22.92 करोड़ उनके खाते में जमा कर दें। ठगों ने उन्हें यकीन दिलाया कि भारतीय रिजर्व बैंक सत्यापन के बाद उनके पैसे वापस खाते में डाल दिए जाएंगे। फिलहाल, IFSO अधिकारियों के द्वारा मामले की जांच की गई। जांच के दौरान अधिकारियों ने 1.5 करोड़ रुपए फ्रीज कर लिए हैं। इस मामले में आगे की जांच की जा रही है।

Tags:    

Similar News