Kartavya Bhavan: PM मोदी ने किया कर्तव्य भवन का उद्घाटन, गृह-विदेश समेत ये मंत्रालय होंगे शिफ्ट
Kartavya Bhavan: राजधानी दिल्ली में पीएम मोदी ने कर्तव्य भवन का उद्घाटन किया। यह भवन इंडिया गेट और राष्ट्रपति भवन के बीच स्थित है, जिसमें कई मंत्रालयों को शिफ्ट किया जाएगा।
पीएम मोदी ने कर्तव्य भवन का उद्घाटन किया।
Kartavya Bhavan Inauguration: दिल्ली में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्तव्य पथ पर कर्तव्य भवन-3 का उद्घाटन किया। यह भवन इंडिया गेट और राष्ट्रपति भवन के बीच बनाया गया है, जहां पर देश के सभी बड़े मंत्रालय होंगे। कर्तव्य भवन-3, सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का एक अहम हिस्सा है। यह भवन मॉडर्न टेक्नोलॉजी से लैस है, जिसमें बड़ा वर्कस्पेस भी तैयार किया गया है। पीएम मोदी ने कर्तव्य भवन का उद्घाटन करने के बाद उन श्रमिकों से बातचीत की, जिन्होंने भवन के निर्माण में अहम भूमिका निभाई है।
कर्तव्य भवन को दिल्ली भर में फैले विभिन्न मंत्रालयों और विभागों को एक साथ लाकर काम करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी), एमएसएमई मंत्रालय, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय/विभाग और प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) के कार्यालय होंगे।
कुल 10 भवनों का होगा निर्माण
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत कुल 10 भवनों का निर्माण किया जाएगा, जिनमें केंद्र सरकार के सभी मंत्रालय होंगे। इनमें से कर्तव्य भवन-3 बनकर तैयार हो गया है, जिसका उद्घाटन पीएम मोदी ने बुधवार को किया। इसके अलावा कर्तव्य भवन-1 और कर्तव्य भवन-2 पर अभी काम चल रहा है, जो अगले महीने तक पूरा कर लिया जाएगा। वहीं, अन्य इमारतों का काम अभी शुरू नहीं हुआ है। बता दें कि इन भवनों को कामन सेंट्रल सिक्रेटेरिएट (सीसीएस) नाम दिया गया है।
क्या है कर्तव्य भवन की खासियत?
कर्तव्य भवन-3, लगभग 1.50 लाख स्क्वायर मीटर में बनाया गया है। इसमें 600 गाड़ियों की पार्किंग की सुविधा है। इस भवन में 2 बेसमेंट और ग्राउंड फ्लोर सहित कुल 7 फ्लोर हैं। यहां पर वर्क हॉल, मेडिकल रूम, क्रैच, योगा, कैफे, 24 कॉन्फ्रेंस हॉल और 26 छोटे कॉन्फ्रेंस हॉल मौजूद हैं। इसके अलावा 67 मीटिंग रूम, 27 लिफ्ट और 2 स्वचालित सीढ़ियां भी हैं।
मौजूद भवन काफी पुराने
मौजूदा समय में केंद्र सरकार के कई जरूरी मंत्रालय शास्त्री भवन, कृषि भवन, उद्योग भवन, निर्माण भवन आदि में चल रहे हैं। ये सभी भवन साल 1950 से 1970 के बीच में बनाए गए थे, जो कि अभी काफी पुराने हो गए हैं। इन पुराने भवनों के रखरखाव का खर्च भी काफी महंगा हो गया था। ऐसे में मंत्रालयों के लिए नए और मॉडर्न टेक्नोलॉजी से लैस भवनों का निर्माण किया जा रहा है।