Pakistan Spy: जासूसों को लटका दिया जाता है फंदे पर, इन देशों को गद्दारी पसंद नहीं
हाल में यूक्रेन ने रशिया पर ड्रोन हमला करके करीब 40 लड़ाकू विमान ध्वस्त किए थे। इसके पीछे भी गद्दारों का हाथ होने की आशंका है। जानिये किस देश ने ऐसे गद्दारों के लिए क्या सजा तय कर रखी है।
दुनिया के कई देश गद्दारों को लटका देते हैं फंदे पर।
भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद से पाकिस्तानी जासूसों को पकड़ने के लिए गहन तलाशी अभियान चलाया। हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा से लेकर पंजाब के यूट्यूबर जसबीर सिंह समेत 14 से ज्यादा जासूस पकड़े जा चुके हैं। इन सभी पर आरोप है कि उन्होंने भारत और भारतीय सेना से जुड़ी गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तान तक पहुंचाने में मदद की है। अब सवाल उठता है कि इन पाकिस्तानी जासूसों को इस गद्दारी के लिए क्या सजा मिलेगी। हम इस खबर में न केवल भारतीय कानून के हिसाब से जासूसों को मिलने वाली सजा के बारे में बताएंगे, साथ ही उन देशों के बारे में भी बताएंगे, जिन्हें गद्दार बर्दाश्त नहीं है। सबसे पहले बताते हैं कि जासूसों के लिए भारतीय कानून में सजा का क्या प्रावधान है?
भारत में जासूसी एक गंभीर अपराध
भारत में जासूसी को गंभीर अपराध माना जाता है। यह देश की सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता को खतरे में डालता है। भारत के ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट, 1923 और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 के तहत तीन साल से आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।
जासूसी से जुड़े प्रमुख कानूनी प्रावधान
ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट, 2023 की धारा 3 के तहत दोषी को 14 साल तक की सजा हो सकती है। गंभीर मामलों में आजीवन कारावास का प्रावधान है। वहीं धारा 4 के तहत विदेशी एजेंटों से अनाधिकृत संपर्क करने पर दो साल की सजा का प्रावधान है। धारा 5 के तहत गोपनीय जानकारी लीक करने या दुश्मन से साझा करने पर तीन साल की सजा का प्रावधान है।
इसके अलावा धारा 10 कम गंभीर जासूसी गतिविधियों के लिए शामिल की जाती है, जिसमें 3 साल की सजा या जुर्माना, दोनों हो सकता है। बता दें कि पहले भारतीय दंड संहिता की धारा 121 (देश के खिलाफ युद्ध छेड़ना) और अन्य धाराएं जासूसी संबंधित धाराओं के तहत लागू थी, लेकिन अब ये प्रावधान बीएनएस में शामिल है।
भारतीय न्याय संहिता , 2023
भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 के तहत सजा के रूप में मृत्युदंड या आजीवन कारावास तक हो सकता है। देश के लिए युद्ध छेड़ने के लिए ही नहीं बल्कि सैन्य अधिकारी लीक करने वाले को भी आजीवन कारावास या मृत्युदंड की सजा मिल सकती है।
इन देशों को भी गद्दारी पसंद नहीं
पाकिस्तान में भी जासूसी के लिए तीन साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा दी जाती है, लेकिन मृत्युदंड से संबंधित कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। हालांकि कई रिपोर्ट्स बताती हैं कि पाकिस्तान अपने जासूसों को मृत्युदंड से भी सख्त सजा दी जाती है।
हाल में एक रिपोर्ट सामने आई थी कि पाकिस्तान ने अपने दो यूट्यूबर को फंदे पर लटका दिया, क्योंकि वो भारत के समर्थन में वीडियो बना रहे थे। हालांकि बाद में इनमें से एक यूट्यूबर शोएब चौधरी का ताजा वीडियो सामने आ चुका है, लेकिन दूसरी यूट्यूबर सना अमजद की जानकारी नहीं मिली थी। आगे जानिये कौन से देशों में जासूसी के लिए कितनी सजा...
संयुक्त राज्य अमेरिका
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, संयुक्त राज्य अमेरिका में 1917 के जासूसी अधिनियम तथा अन्य कानूनों के तहत जासूसी के लिए मौत की सजा का प्रावधान है। विशेषकर राष्ट्रीय सुरक्षा या युद्धकालीन गतिविधियों से जुड़ा जासूसी का मामला हो।
चीन को भी गद्दारी पसंद नहीं
चीन भले ही सभी की जासूसी कराना चाहता है, लेकिन उसे खूद की जासूसी पसंद नहीं है। चीन का आर्थिक जासूसी अधिनियम 1996 भी जासूरों को सख्त सजा के दायरे में लाता है। चीनी मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो 19 मई 2025 को भी जासूसी के आरोप में पूर्व सरकारी इंजनीनियर लियू को मृत्युदंड सुनाया है। इसी प्रकार कई अन्य देश हैं, जहां जासूसी के लिए आजीवन कारावास या मृत्युदंड का प्रावधान है।