Delhi Crime: 'अपहरण, दुष्कर्म, फिर बेचा', एक मिस्ड कॉल से बची नाबालिग लड़की की जान
दिल्ली की रहने वाली नाबालिग लड़की से दुष्कर्म किया गया। इसके बाद फर्जी आधार कार्ड बनाकर उसे बेच दिया गया। जानिये आरोपी किस तरह चढ़े पुलिस के हत्थे...
दिल्ली की रहने वाली 13 साल की नाबालिग लड़की का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किया गया। इसके बाद फर्जी आधार कार्ड बनवाकर उसे बेच दिया गया। खरीदार ने भी उसकी आपबीती सुनी, लेकिन बंधक बनाकर रखने लगा। लेकिन, एक दिन ऐसी गलती हो गई, जिस वजह से सभी आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ गए।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली की रहने वाली 13 वर्षीय लड़की किसी बात को लेकर अपने पिता से नाराज थी। वो 21 जुलाई को वजीरपुर स्थित जेजे कॉलोनी में ट्यूशन पढ़ने गई, लेकिन घर नहीं लौटी। परिजनों ने पुलिस को शिकायत दी। पुलिस ने तुरंत केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी।
पुलिस ने जगह-जगह दबिश दी गई, लेकिन नाबालिग का सुराग नहीं लग सका। इस बीच 24 जुलाई को लड़की के परिजनों को एक मिस कॉल आई। जब कॉल बैक किया तो दूसरी तरफ से महिला ने कहा कि उसने गलती से फोन मिला दिया था। इस पर परिजनों को शक हुआ और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने जब जांच शुरू की तो लोकेशन शामली की मिली। इस पर पुलिस ने वहां दबिश दी तो वहां से नाबालिग लड़की को बरामद कर लिया गया। लड़की के बयानों के आधार पर पुलिस ने शामली निवासी राजीव, हापुड़ निवासी विकास, मेरठ निवासी आशु और गाजियाबाद निवासी रमनजोत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया।
पीड़िता ने सुनाई आपबीती
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि पिता के साथ झगड़ा होने के बाद वो इंटरलोक मेट्रो स्टेशन पहुंच गई, जहां से उसने नई दिल्ली मेट्रो स्टेशन पहुंच गई। यहां से उसने मेरठ की ट्रेन ले ली। मेरठ पहुंचने के बाद विकास से मुलाकात हुई, जो उसे बहकाकर सह आरोपी आशु के पास ले गया। उसने वहां पर उसे बंधक बना लिया। इसके बाद राजीव को सौंप दिया। वो उसे खरीदना चाहता था। पीड़िता ने बताया कि रमनजोत ने फर्जी आधार कार्ड बनाया ताकि उसे बालिग दिखा सके। उसने कई बार भागने का प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हुई। पुलिस ने बताया कि लड़की को उसके परिजनों को सौंप दिया गया है। आरोपियों को गिरफ्तार कर आगे की जांच शुरू कर दी गई है।