AAP को दूसरा बड़ा झटका: अवध ओझा ने छोड़ा केजरीवाल का साथ, राजनीति से लिया संन्यास

आम आदमी पार्टी को बड़ा राजनीतिक झटका लगा है। आप नेता अवध ओझा ने पार्टी छोड़ दी है। कहा है कि वे राजनीति से संन्यास ले रहे हैं। जानिये केजरीवाल के लिए क्या कहा?

Updated On 2025-12-02 17:04:00 IST

अवध ओझा ने राजनीति से लिया सन्यास 

दिल्ली में आम आदमी पार्टी को तीन दिनों के अंतराल पर दूसरा बड़ा झटका लगा है। आप नेता राजेश गुप्ता के बाद अब मशहूर कोचिंग टीचर अवध ओझा ने आम आदमी पार्टी छोड़ दी है। राजेश गुप्ता ने जहां बीजेपी का दामन थाम लिया था, वहीं अवध ओझा ने राजनीति से ही संन्यास लेने की घोषणा कर दी है।

अवध ओझ ने दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी के टिकट पर पटपड़गंज विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार का सामना करना पड़ा था। अब उन्होंने राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा कर दी है। उनके इस फैसले को अरविंद केजरीवाल के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। दरअसल, अरविंद केजरीवाल ने ओझा को पार्टी में शामिल कराकर उनके लिए चुनाव प्रचार किया था। ओझा ने पार्टी छोड़ने के बाद केजरीवाल के लिए भी एक्स पर संदेश लिखा। उन्होंने अरविंद केजरीवाल को महान नेता बताते हुए उनका धन्यवाद किया है। 

लिखा- आपका आभारी रहूंगा

उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर अपने फैसले से पार्टी को अवगत कराया। लिखा, 'आदरणीय अरविंद जी, मनीष जी, संजय जी, सभी 'आप' के पदाधिकारी, कार्यकर्ता, नेता इत्यादि आप सभी का दिल बहुत बहुत धन्यवाद। जो प्रेम और सम्मान अपने दिया उसका ऋणी रहूंगा। राजनीति से संन्यास मेरा व्यक्तिगत निर्णय है। अरविंद जी आप एक बहुत महान नेता है। जय हिन्द।'

हारे थे विधानसभा का चुनाव

इसके अलावा एक अन्य पोस्ट में उन्होंने पटपड़गंज की जनता का भी धन्यवाद किया। वह दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी के टिकट पर इसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे। अवध ओझा ने अपने दूसरे पोस्ट में पटपड़गंज की जनता का धन्यवाद करते हुए लिखा कि 'पटपटगंज के लोगों का विशेष धन्यवाद जिन्होंने मुझे बहुत प्यार दिया, सभी का धन्यवाद। जय हिन्द।' अवध ओझा ने आम आदमी पार्टी में शामिल होने के बाद 'आप' के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया की पुरानी सीट से चुनाव लड़ा था। लेकिन भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी रवि नेगी चुनाव हार गए थे।

बोलने पर लगी थी रोक 

बीते दिनों एक पॉडकास्ट में अवध ओझा ने कहा था कि उन्हें चुनाव लड़ने की बहुत उत्सुकता थी। लेकिन हारने के बाद समझ आया कि राजनीति उनके लिए ठीक नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राजनीति छोड़कर बहुत खुश हूं। अब चाहे जो बोल सकता हूं। पहले मुझ पर बंदिश थी। पार्टी लाइन के हिसाब से बोलना पड़ता था उससे हटके नहीं। जो मेरे लिए सबसे मुश्किल था। उन्होंने आगे कहा कि अगर हम बोले नहीं तो मर जाएंगे, हमारे लिए बोलना बहुत जरूरी है।

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