महाभियोग पर 'महाजांच': जस्टिस वर्मा को हटाने का प्रस्ताव मंजूर, स्पीकर ने बनाई 3 सदस्यीय कमेटी, ये करेंगे जांच
जस्टिस यशवंत वर्मा कैश कांड मामले में लोकसभा में महाभियोग प्रस्ताव मंजूर हो चुका है। तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। पढ़िये इस कमेटी में शामिल सदस्यों के नाम...
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने जस्टिस वर्मा को पद से हटाने के प्रस्ताव पर गठित की कमेटी।
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने के प्रस्ताव पर कमेटी का गठन कर दिया है। इस कमेटी में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के एक-एक जज शामिल होंगे। वहीं, इस कमेटी में एक कानूनविद को भी शामिल किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि इस कमेटी में सुप्रीम कोर्ट के जज अरविंद कुमार, मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस मनिंदर मोहन और कर्नाटक हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता बीवी आचार्य शामिल होंगे।
उन्होंने कमेटी के सदस्यों की घोषणा करने से पहले कहा कि संविधान के अनुच्छेद 124 (4) के तहत जस्टिस यशवंत वर्मा को हाईकोर्ट के जज के पद से हटाने का प्रस्ताव आया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय के जज यशवंत वर्मा के खिलाफ जो शिकायत है, उसे उच्च प्रवृति का पाया गया है। ऐसे में उनको पद से हटाने के लिए कार्रवाई करने की जरूरत है।
कमेटी जल्द सौंपेगी रिपोर्ट
जस्टिस वर्मा को पद से हटाने का प्रस्ताव तब तक लंबित रहेगा, जब तक कि यह कमेटी अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपेगी। लोकसभा स्पीकर ने कहा कि उन्हें पद से हटाने के लिए राष्ट्रपति को प्रस्ताव भेजेंगे। साथ ही कहा कि कमेटी भी अपनी रिपोर्ट जल्द सौंपेगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में सभी सांसदों को एक सुर में बोलना चाहिए।
जस्टिस वर्मा की मुश्किलें बरकरार
जस्टिस वर्मा को पद से हटाने का प्रस्ताव तब तक लंबित रहेगा, जब तक कि यह कमेटी अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपेगी। लोकसभा स्पीकर ने कहा कि उन्हें पद से हटाने के लिए राष्ट्रपति को प्रस्ताव भेजेंगे। साथ ही कहा कि कमेटी भी अपनी रिपोर्ट जल्द सौंपेगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में सभी सांसदों को एक सुर में बोलना चाहिए।
जस्टिस वर्मा को मिला था 'सुप्रीम' झटका
जस्टिस यशवंत वर्मा ने राहत पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने आंतरिक प्रक्रिया की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद स्पष्ट हो चुका था कि जस्टिस वर्मा को पद से हटाने की कार्यवाही का रास्ता साफ हो चुका है। बता दें कि जस्टिस वर्मा ने अपने आवास पर जले कैश के मामले में जांच रिपोर्ट को खारिज करने की मांग को लेकर याचिका दाखिल की थी। साथ ही, दिल्ली हाईकोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की सिफारिश को भी चुनौती दी थी।
दरअसल, संजीव खन्ना ने जस्टिस वर्मा को पद से हटाने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सिफारिश भेजी थी। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को सुनवाई योग्य नहीं माना और खारिज कर दिया।