JNU Clash: दशहरे पर JNU में गरमाया माहौल, ABVP और लेफ्ट गुटों ने एक-दूसरे पर लगाए गंभीर आरोप

JNU Clash: दशहरे के दिन JNU में ABVP-लेफ्ट गुटों के बीच बवाल हो गया। पार्टियों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

Updated On 2025-10-03 12:59:00 IST

दशहरे पर JNU में गरमाया माहौल। 

JNU Clash: दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में बीते दिन दशहरे के मौके पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और लेफ्ट संगठनों के बीच बवाल हो गया। ABVP ने आरोप लगाया है कि वामपंथी छात्र समूहों ने JNU में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन शोभायात्रा पर हमला किया है।

वहीं वामपंथी संगठनों का कहना है कि ABVP ने राजनीतिक प्रचार के लिए रावण दहन कार्यक्रम के माध्यम से धर्म का इस्तेमाल किया है। ABVP ने अपने बयान में कहा कि AISA, SFI और DSF समेत वामपंथी समूहों ने गुरुवार को शाम करीब 7 बजे साबरमती टी-पॉइंट के पास विसर्जन शोभायात्रा पर हमला किया। ABVP का दावा है कि इस हमले के दौरान कई छात्र घायल हुए हैं।

ABVP के जेएनयू अध्यक्ष ने क्या कहा?

ABVP के जेएनयू अध्यक्ष मयंक पांचाल का कहना है कि यह केवल धार्मिक आयोजन पर हमला नहीं है, बल्कि यूनिवर्सिटी की उत्सव परंपरा और छात्रों की आस्था पर सीधा हमला है। उन्होंने कहा कि ABVP किसी भी सूरत में इस तरह के व्यवहार को बर्दाश्त नहीं करेगी। ABVP के जेएनयू मंत्री प्रवीण पीयूष का आरोप है कि दुर्गा विसर्जन जैसे पवित्र अनुष्ठान के दौरान पथराव और स्टूडेंट्स पर हमला करना काफी निंदनीय और शर्मनाक है। प्रशासन को इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।  


JNUSU प्रेसिडेंट नीतीश कुमार ने क्या कहा?

JNUSU प्रेसिडेंट नीतीश कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सुबह करीब 9-10 बजे हमारे ग्रुप में एक पोस्टर वायरल हुआ, जिसमें कहा गया था कि रावण दहन किया जा रहा है। उमर खालिद और शरजील इमाम, जो इसी कैंपस के छात्र थे। जिन्होंने इस देश की नागरिकता की रक्षा के लिए आंदोलन चलाया था, उन्हें रावण के रूप में चित्रित किया गया था। इसका विरोध करते हुए, हमने JNUSU की तरफ से आह्वान किया कि वे ऐसा नहीं कर सकते और यह गलत है।

नीतीश कुमार ने कहा कि वे गांधी जी की हत्या करने वाले गोडसे का पुतला नहीं जला रहे हैं, लेकिन संविधान और मानवाधिकार रक्षकों के पुतले जलाने की कोशिश की जा रही थी। हमारा विरोध साबरमती टी पॉइंट पर चल रहा था। इसी बीच, उनकी ओर से दुर्गा विसर्जन हो रहा था। उन्होंने आधे घंटे के लिए अपना DJ वहीं बंद कर दिया और 'जय श्री राम' और योगी जी के बुलडोजर न्याय के नारे लगाए, लेकिन विरोधियों ने चप्पलें लहरानी शुरू कर दीं। हमने हिंसा रोकने के लिए टीम बनाई, लेकिन उन्होंने आधे घंटे तक वहां पर हिंसा भड़काने की कोशिश की, इसके बाद सभी वहां से चले गए।

धार्मिक भावनाओं पर प्रहार किया

AISA का कहना है कि ABVP की ओर से रावण दहन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जिसमें JNU के पूर्व छात्र उमर खालिद और शरजील इमाम की तस्वीरें रावण के पुतले पर लगाई गईं थी। बता दें कि दोनों पर CAA विरोधी प्रदर्शनों और दिल्ली दंगों में साजिश को लेकर मुकदमा चल रहा है।

AISA ने कहा कि ये इस्लामोफोबिया का एक नृशंस प्रदर्शन है, जिसमें राजनीतिक फायदे के लिए धार्मिक भावनाओं पर प्रहार किया जा रहा है। ऐसा भी कहा जा रहा है कि AISA नेABVP से सवाल किया था कि नाथूराम गोडसे, गुरमीत राम रहीम या 2020 के दिल्ली दंगों के दौरान भड़काऊ भाषण देने वाले आरोपी नेताओं को रावण के तौर पर क्यों चित्रित नहीं किया गया।

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