Justice Yashwant Verma: कैश कांड में घिरे जस्टिस यशवंत वर्मा पर महाभियोग, 200 से ज्यादा सांसदों का समर्थन
Justice Yashwant Verma Cash Kand: दिल्ली हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा के आवास पर बेहिसाब नकदी मामले में संसद में महाभियोग प्रस्ताव लाया गया। 200 से ज्यादा सांसदों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया।
नकदी मामले में जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू
Justice Yashwant Verma: हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास पर कथित रूप से बेहिसाब नकदी मिली थी। इसके बाद से वे कदाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं। अब उन्हें पद से हटाने के लिए संसद में महाभियोग चलाने की कार्यवाही शुरू हो गई है। संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन लोकसभा के 145 सांसदों ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ लाए गए महाभियोग प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए। वहीं राज्यसभा में 54 सांसदों ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाए जाने का समर्थन किया।
सांसदों ने इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने के बाद लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को ज्ञापन सौंप दिया है। अब जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए आगे की कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
बता दें कि ये महाभियोग प्रस्ताव संविधान के अनुच्छेद 124, 217 और 218 के तहत दायर किया गया। महाभियोग प्रस्ताव को बीजेपी, कांग्रेस, जेडीयू, टीडीपी और सीपीएम समेत कई दलों का समर्थन मिला। इस प्रस्ताव पर बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर, रविशंकर प्रसाद, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी, राहुल गांधी व अन्य पार्टियों के नेता सुप्रिया सुले, केसी वेणुगोपाल, राजीव प्रताप रूडी समेत कई सांसदों ने हस्ताक्षर किए।
उच्च सदन में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि जस्टिस यशवंत वर्मा को उनके पद से हटाने वाली मांग को लेकर एक प्रस्ताव सौंपा गया है। इस पर 50 से ज्यादा सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं। जस्टिस वर्मा को उनके पद से हटाए जाने के लिए जरूरी संख्या से ज्यादा सांसदों का नोटिस मिला है।
उन्होंने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और एक जस्टिस सहित तीन सदस्यीय कमेटी बनाए जाने के निर्देश दिए। इस कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद स्पीकर या चेयरमैन इस मोशन पर फैसला ले सकते हैं।
जानकारी के अनुसार, सभापति जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल से पुष्टि करते हुए पूछा कि क्या लोकसभा में भी ये मोशन आया है? इस पर कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने बताया कि लोकसभा में भी ये मोशन आया है और सांसदों ने स्पीकर को मोशन सौंप दिया है। इस पर उन्होंने कहा कि अगर एक सदन में प्रस्ताव आता है, तो प्रीसाइडिंग ऑफिसर प्रस्ताव को स्वीकार करने और खारिज करने का अधिकार रखता है। हालांकि अगर दोनों सदनों में एक ही दिन मोशन आता है, तो ये सदन की प्रॉपर्टी हो जाती है। इसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने महाभियोग प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के निर्देश दिए।