Ghaziabad Bail Gang: गाजियाबाद में जमानत गैंग का भंडाफोड़, 700 अपराधियों को दिला चुके बेल, 7 गिरफ्तार, 10 हजार में होता था पूरा खेल

Ghaziabad Police: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में पुलिस ने एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। ये गिरोह 10 हजार रुपए लेकर अपराधियों की बेल कराता था। पुलिस ने इस मामले में 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

Updated On 2025-06-06 15:36:00 IST

Ghaziabad Bail Gang: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। गाजियाबाद पुलिस ने अपराधियों की फर्जी जमानत कराकर उन्हें जेल से छुड़ाने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। क्राइम ब्रांच और थाना कविनगर पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए इस गिरोह के सात लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से मोहरें, फर्जी दस्तावेज और अन्य सामग्री जब्त की गई है। पुलिस का कहना है कि ये आरोपी अब तक फर्जी दस्तावेजों के जरिए 700 अपराधियों की फर्जी जमानत करा चुके हैं।

गाजियाबाद पुलिस ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि गाजियाबाद में एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है, जो फर्जी दस्तावेज बनवाकर अपराधियों की बेल करता था। इस गिरोह के 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस गिरोह के सदस्य फर्जी आधार कार्ड और खतौनी बनाकर अदालत में फर्जी दस्तावेज जमा कराते थे। ये लोग फर्जी तरीके से अब तक 600 से 700 अपराधियों जमानत करा चुके हैं।

पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ की, तो आरोपियों ने बताया कि ये गिरोह पिछले 6 सालों से फर्जी दस्तावेज बनाकर अपराधियों को जमानत दिलाने का काम कर रहा था। मुख्य आरोपी का नाम अनोज यादव है, वो पहले नोएडा की एक कंपनी में डिजाइनर सुपरवाइजर था। नौकरी जाने के बाद वो इस काम में आ गया। ये गिरोह पहले 5 से 10 हजार रुपये जमानत राशि के रूप में वसूल करता था। इसके बाद भूलेख से खतौनी निकालकर और फर्जी आधार कार्ड बनवाता था।

इसके बाद फर्जी दस्तावेजों पर CSC जन सेवा केंद्र की मोहर लगाकर और थाने की मुहर लगाकर फर्जी जमानत की प्रक्रिया पूरी की जाती थी। गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से लैपटॉप, 21 फर्जी आधार कार्ड, 18 फर्जी खतौनी 5 बिना भरे बेल बॉन्ड, 10 फर्जी मोहरें, स्टाम्प पैड और 5 रसीद टिकट बरामद की गई हैं।

पुलिस ने इस गिरोह के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान मेरठ निवास अनोज यादव, गाजियाबाद निवासी इसरार, मोदीनगर निवासी बबलू, राहुल शर्मा, सुनील कुमार लोकेंद्र और विकास राजपूत के रूप में हुई है। वहीं इस गिरोह के फरार सदस्यों को गिरफ्तार करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। 

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