Money Laundering: AAP नेताओं की बढ़ी मुसीबत, ED ने तीन 'घोटालों' में दर्ज किया मामला
Money Laundering: दिल्ली में आप नेताओं की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। आज ईडी ने तीन कथित घोटालों में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
ईडी ने सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन के खिलाफ 3 मामले दर्ज किए।
Money Laundering: दिल्ली में आम आदमी पार्टी के नेताओं की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। एक बार फिर प्रदर्शन निदेशालय की टीम ने तीन कथित घोटालों में मामला दर्ज किया है। साथ ही इन मामलों की जांच भी शुरू कर दी गई है। आरोप लगाया गया है कि इन सभी घोटालों को आम आदमी पार्टी सरकार के कार्यकाल के दौरान अंजाम दिया गया।
कहा जा रहा है कि आप नेताओं को पूछताछ के लिए जल्द समन किया जा सकता है। सबसे पहले पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और सौरभ भारद्वाज को सवाल-जवाब के लिए तलब किया जा सकता है। बता दें कि आप नेता सत्येंद्र जैन इससे पहले एक अन्य मामले में जेल में रहे हैं और फिलहाल जमानत पर बाहर हैं।
बता दें कि केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने इन्फोर्समेंट केस इन्फॉर्मेशन रिपोर्ट्स (ECIRs) दर्ज की है, जो FIR की तरह होती है। जानकारी के अनुसार, आप नेताओं के खिलाफ अस्पताल निर्माण, सीसीटीवी फुटेज लगवाने और दिल्ली अर्बन शेल्टर बोर्ड में कथित तौर पर भ्रष्टाचार किया गया।
इन तीन मामलों में दर्ज हुआ केस
अस्पताल घोटाला- 5590 करोड़
कथित अस्पताल घोटाले में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और सौरभ भारद्वाज की भूमिका की जांच की जाएगी। ईडी की रिपोर्ट में कहा गया है कि आम आदमी पार्टी सरकार ने 2018–19 में मंजूर किए गए स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे की 24 परियोजनाओं में करोड़ों की लागत लगा दी। हालांकि ये परियोजनाएं अब तक अधूरी पड़ी हैं। इन परियोजनाओं में 11 अस्पताल नई जमीन पर बनने थे। वहीं 13 पुरानी अस्पताल इमारतों को दुरुस्त करना था। इसके लिए कुल 5590 करोड़ रुपए का बजट रखा गया था। इन परियोजनाओं को लेकर एसीबी जांच की गई, तो पता चला कि इनमें से अधिकतर निर्माण कार्य अभी तक अधूरे हैं और कई परियोजनाओं को बीच में ही छोड़ दिया गया।
बता दें कि इनमें से 1125 करोड़ की लागत से आईसीयू अस्पतालों को 6 महीने में बनवाना था। इनमें 6800 बेड वाले 7 प्रीफैब बनने थे। इन्हें बनाने के लिए SAM India Buildwell Pvt. Ltd. कंपनी को ठेका दिया गया। हालांकि तीन साल बाद भी उन इमारतों का काम केवल 50 फीसदी पूरा हुआ और इसमें 800 करोड़ रुपए खर्च किए गए।
LNJP अस्पताल के नए ब्लॉक का काम अब तक पूरा नहीं हो सका। इसकी लागत 488 करोड़ रुपए से बढ़कर 1135 करोड़ हो गई। वहीं मादीपुर और ज्वालापुरी में शुरू की गई परियोजनाएं या तो अधूरी पड़ी हैं या उन्हें अवैध तरीके से बनाया गया है।
वहीं इस दौरान 94 पॉलीक्लिनिक बनाने की योजना थी। इनमें से केवल 52 ही बन पाए। इन पॉलीक्लिनिक को बनाने में 168 करोड़ रुपए की लागत लगनी थी, जो बाद में बढ़कर 220 करोड़ हो गई। इन 52 पॉलीक्लिनिक में से भी कई अब तक चालू नहीं हो सके।
सीसीटीवी घोटाला- 571 करोड़
साल 2019 में दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार के दौरान 1.4 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना थी। इसके लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को 571 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट दिया गया। इसका काम भी समय पर पूरा नहीं हुआ। इसके लिए कंपनी पर 17 करोड़ रुपए का जुर्माना लगा। आरोप है कि तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन ने ये जुर्माना माफ कर दिया और इसके लिए 7 करोड़ रुपए की रिश्वत ली। तब एसीबी ने भी जैन के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
दिल्ली अर्बन शेल्टर बोर्ड- 250 करोड़
आरोप है कि आम आदमी पार्टी के कार्यकाल के दौरान दिल्ली अर्बन शेल्टर इंप्रूवमेंट बोर्ड (DUSIB) में फर्जी एफडीआर (फिक्स डिपॉजिट रिसिप्ट) के जरिए करोड़ों का घोटाला किया गया। कहा गया कि कोरोना महामारी के दौरान आम आदमी पार्टी ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए 250 करोड़ रुपए का काम दिखाया। इसमें घोस्ट वर्कर के नाम पर सैलरी और कमीशन दिखाकर नेताओं को दिए गए।