Padmashree Award: डॉ. संतराम देशवाल को पद्मश्री पुरस्कार से किया गया सम्मानित, 'साहित्य एवं शिक्षा' के क्षेत्र में विशेष योगदान
Padmashree Award: हरियाणा के साहित्यकार और लेखक डॉ. संतराम देशवाल को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्होंने 30 से ज्यादा किताबें लिखीं और वे 30 साल से ज्यादा समय तक एसोसिएट प्रोफेसर रहे।
डॉ. संतराम देशवाल को मिला पद्मश्री अवॉर्ड।
Padmashree Award: राष्ट्रपति भवन के गणतंत्र मंडप में 'भव्य अलंकरण' समारोह आयोजित किया गया। इस दौरान भारत की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने 'साहित्य एवं शिक्षा’ के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देने वाले डॉ. संतराम देशवाल को पद्मश्री पुरस्कार-2025 से नवाजा। इस दौरान समारोह में भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और अन्य केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके साथ ही भारत सरकार के अनेक उच्चाधिकारी, पद्म पुरस्कार विजेता और उनके परिजन भी मौजूद रहे।
25 जनवरी को हुई थी घोषणा
बता दें कि 25 जनवरी को विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले लोगों के लिए केंद्र सरकार ने पद्म पुरस्कार के लिए घोषणा की गई थी। इस दौरान साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले हरियाणा के सोनीपत निवासी डॉ. संतराम देशवाल को नामित किया गया।
पहली बार साहित्य और लेखन में हरियाणा को मिला पुरस्कार
बीते मंगलवार को राष्ट्रपति भवन के दरबार हाल में 'भव्य अलंकरण' समारोह आयोजित किया गया। अब तक हरियाणा के लोग खेल, खेती आदि क्षेत्रों में पुरस्कार पाते रहे हैं। ये पहला मौका था, जब किसी साहित्यकार और लेखक को पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया।
6 साल की उम्र में खोया पिता का साथ
बता दें कि डॉ. संतराम देशवाल का जन्म झज्जर के गांव खेड़का गुज्जर में हुआ था। 6 साल की उम्र में ही उनके पिता का निधन हो गया था और उनके सिर से पिता का साया हट गया था। उन्होंने बड़ी परेशानी में अपना बचपन और अपनी पढ़ाई पूरी की। उन्होंने एक के बाद एक डिग्री हासिल की।
लिखीं तीस से ज्यादा किताबें
उन्होंने हिंदी और अंग्रेजी में एमए की डिग्री ली। इसके बाद LLB, एमफिल, पीएचडी और अनुवाद में डिप्लोमा और जर्मन भाषा में डिप्लोमा किया। डॉ. देशवाल सोनीपत के छोटूराम आर्य कॉलेज में 30 साल से ज्यादा समय तक एसोसिएट प्रोफेसर रहे। उन्होंने 30 से ज्यादा किताबें लिखी हैं।