'सुप्रीम' आदेशों का उल्लंघन: आवारा कुत्तों को नसबंदी के बाद गली में नहीं जंगलों में छोड़ा, डॉग लवर्स का आरोप
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि आवारा कुत्तों को नसबंदी और टीकाकरण के बाद उन्हें उनके मूल स्थानों पर छोड़ दिया जाए। लेकिन, डॉग लवर्स का आरोप है कि कुछ एबीसी केंद्र इन कुत्तों के स्थानों को बदल रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद डॉग लवर्स का बड़ा आरोप।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आदेश जारी किया था कि आवारा कुत्तों को नसबंदी और टीकाकरण के बाद उनके मूल स्थानों पर छोड़ दिया जाए। लेकिन, डॉग लवर्स का आरोप है कि एमसीडी और कुछ एबीसी केंद्र इन आदेशों का उल्लंघन कर रहे हैं। आरोप के मुताबिक, आवारा कुत्तों को पकड़कर नसबंदी तो की जा रही है, लेकिन मूल स्थानों पर छोड़ने की बजाए दूसरे स्थानों पर छोड़ रहे हैं। डॉग लवर्स का यह भी आरोप है कि कुछ पशु कल्याण एनजीओ भी इस मिलीभगत में शामिल हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, एमसीडी ने गुरुवार की रात को एम्स के पास 15 से 20 आवारा कुत्तों को उठाया था। इन कुत्तों को वापस एम्स के पास छोड़ने की बजाए छतरपुर के जंगलों में छोड़ दिया गया। डॉग लवर्स का आरोप है कि रोहिणी के सर्वोदय सेवाभावी एनजीओ की ओर से संचालित एबीसी सेंटर भी नसबंदी के नाम पर 200 कुत्तों को उठा चुकी हैं। इनमें कई पिल्ले भी शामिल हैं।
पशु प्रेमी शालिनी का कहना है कि यह कुत्ते शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तुरंत बाद उठाए गए थे। इनमें कई नपुंसक कुत्ते भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि कुत्तों को नसबंदी के बाद मूल स्थानों पर छोड़ा जाए तो इन्हें दूसरे स्थानों पर क्यों छोड़ा जा रहा है।
एबीसी केंद्र पर हंगामा
उधर, शुक्रवार को एक वीडियो भी वायरल हुआ, जिसमें एबीसी सेंटर पर डॉग लवर्स और पुलिस के बीच झड़प की स्थिति देखी गई। डॉग लवर्स पकड़े गए कुत्तों को देखने के लिए एबीसी सेंटर में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे, जबकि पुलिस भीड़ को नियंत्रित करती दिख रही थी। पशु प्रेमियों का आरोप है कि नसबंदी के नाम पर आवारा कुत्तों से क्रूर व्यवहार किया जा रहा है, जिसें बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
एमसीडी के अधिकारी को हटाने की मांग
पशु प्रेमियों का कहना है कि इसके लिए एमसीडी का एक अधिकारी जिम्मेदार है, जिन्हें हटाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यही अधिकारी एबीसी सेंटरों को आवारा कुत्ते उठाने और दूसरे स्थानों पर छोड़ने के लिए दबाव बना रहा है। दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता को भी पत्र लिखा गया है। उसमें बताया गया है कि इस अधिकारी की भूमिका संदिग्ध रही है। ऐसे में उन्हें तत्काल इस पद की जिम्मेदारी से मुक्त करना चाहिए। इस बारे में संबंधित एमसीडी अधिकारी से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन प्रतिक्रिया नहीं मिली। जैसे ही प्रतिक्रिया सामने आती है, तो उनका भी पक्ष सामने रखा जाएगा।