Delhi Metro: दिल्ली मेट्रो स्टेशनों से सड़कों पर भारी जलभराव? डीएमआरसी ने NGT को दिया ये जवाब

'दिल्ली के मेट्रो स्टेशनों के ढांचे से रिसने वाले पानी की वजह से सड़कों पर जलभराव होता है, जो कि ट्रैफिक जाम का भी कारण बन जाता है।' इस आरोप पर डीएमआरसी ने जवाब दाखिल कर दिया है।

Updated On 2025-08-02 12:39:00 IST
डीएमआरसी ने बरसाती पानी की जलनिकासी को लेकर उठाए अहम कदम

Delhi Metro Rain Water: दिल्ली में जरा सी बारिश के चलते कई इलाकों में भारी जलभराव हो जाता है। इसकी वजह से घंटों तक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हालांकि बीजेपी की सरकार आने के बाद इस स्थिति में थोड़ा सुधार देखा जा रहा है। वजह यह है कि पानी जमा होने के कुछ घंटों बाद ही निकासी भी हो रही है। आपने भी देखा होगा कि बारिश होने पर कई मेट्रो स्टेशन के भीतर और बाहर पानी के रिसाव की वजह से भी लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है। ऐसे में डीएमआरसी यानी दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने भी इन दिक्कतों को दूर करने के लिए अहम कदम उठाया है।

डीएमआरसी ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को बताया कि उसने मेट्रो स्टेशनों के ढांचों से सड़कों पर पानी के रिसाव की समस्या का समाधान कर लिया है। सभी डाउनटेक पाइपों को सड़कों के मध्य ले जाकर कनेक्ट कर दिया है। इसके अलावा, बरसाती पानी को इकट्ठा करने के लिए सड़क के डिवाइडरों पर 100 एमएम के गड्ढे खोदकर भंडारण क्षेत्र भी बना दिया है। डीएमआरसी ने दावा किया है कि अब मेट्रो स्टेशनों के ढांचों से रिसने वाला पानी सड़कों पर जलभराव का कारण नहीं बनेगा।

DMRC की इस पहल की वजह?

दरअसल, दिल्ली के रहने वाले हरपाल सिंह राणा ने अप्रैल 2022 में अर्जी लगाई थी। आरोप था कि कई जगहों पर मेट्रो स्टेशनों के ढांचों से रिसने वाला पानी सड़कों पर इकट्ठा हो जाता है, जिस कारण जलभराव के चलते ट्रैफिक जाम लगता है। उन्होंने एनजीटी से बारिश के पानी का संचय करने के साथ ही जलभराव से होने वाली दिक्कतों से निजात दिलाने की मांग की थी। डीएमआरसी ने इसी मामले में अब जवाब दिया है कि उसने सभी मेट्रो स्टेशनों से रिसने वाले पानी का इंतजाम कर लिया है और अब मेट्रो स्टेशन सड़कों पर जलभराव की वजह नहीं बनेंगे।

डीएमआरसी ने ये भी दलील दी

डीएमआरसी ने पिछले साल फरवरी में एनजीटी को बताया था कि उसने मेट्रो स्टेशनों से रिसने वाले पानी को रोकने के लिए 89.5 लाख रुपये का बजट जारी किया था। अब डीएमआरसी ने एनजीटी को यह भी बताया है कि वर्तमान और भविष्य में बनने वाले मेट्रो स्टेशनों के डिजाइन में ऐसे बदलाव किए जा रहे हैं, जो कि सड़कों पर जलभराव की वजह न बने।

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