Delhi Metro: DMRC के इंजीनियर्स का कमाल, मौजूदा मेट्रो स्टेशन के ऊपर बनाया दूसरे कॉरिडोर का प्लेटफॉर्म
Delhi Metro: DMRC ने दिल्ली मेट्रो के येलो लाइन पर हैदरपुर बादली मोड़ स्टेशन पर एक डबल डेकर एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन बनाया है। इस स्टेशन पर एक प्लेटफॉर्म के ऊपर दूसरे कॉरिडोर का प्लेटफॉर्म तैयार किया गया है।
मेट्रो स्टेशन पर प्लेटफार्म के ऊपर बना दूसरे कॉरिडोर का प्लेटफॉर्म
Delhi Metro: दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने दिल्ली मेट्रो के चौथे फेज के तहत बड़ी कामयाबी हासिल की है। DMRC के इंजीनियर्स ने येलो लाइन के हैदरपुर बादली मोड़ एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन के प्लेटफार्म के ऊपर फेज-4 में निर्माणाधीन जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम कॉरिडोर का नया स्टेशन तैयार किया है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो देश में पहली बार ऐसा हुआ है, जब एक ही जगह पर एक के ऊपर एक 2 अलग-अलग कॉरिडोर के मेट्रो स्टेशन बनाने की कोशिश की गई है।
दिल्ली मेट्रो फेज-4 के तहत जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम कॉरिडोर का काम किया जा रहा है। इसकी कुल लंबाई 29.2 किमी है। इस साल के आखिर तक इस कॉरिडोर का काम पूरा होने की संभावना है। बता दें कि यह कॉरिडोर दिल्ली मेट्रो के मजेंटा लाइन का विस्तार है।
दिल्ली मेट्रो का पहला एलिवेटेड स्टेशन
बताया जा रहा है कि यह दिल्ली मेट्रो का पहला एलिवेटेड स्टेशन है, जहां पर पहले से मौजूद मेट्रो स्टेशन के प्लेटफॉर्म के ऊपर दूसरे कॉरिडोर का स्टेशन बनाया गया है। अभी नए कॉरिडोर के स्टेशन के फिनिशिंग का काम चल रहा है। बता दें कि अभी के समय में हैदरपुर बादली मोड़ स्टेशन से येलो लाइन की मेट्रो चलाई जाती है। यह स्टेशन फेज-4 में मजेंटा लाइन के साथ इंटरचेंज स्टेशन होगा। इस साल के अंत तक जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम कॉरिडोर का संचालन शुरू होने के बाद इस स्टेशन के प्रथम तल के प्लेटफॉर्म के ऊपर मजेंटा लाइन की मेट्रो चलती दिखाई देगी।
जानकारी के मुताबिक, हैदरपुर बादली मोड़ स्टेशन के निर्माण के समय ही फेज-4 का इंटरचेंज स्टेशन बनाने की तैयारी कर ली गई थी। इसके लिए पहले से स्टेशन पर लिफ्ट और एस्केलेटर के लिए जगह तय कर ली गई थी। साथ ही नींव इतनी ज्यादा मजबूती से बनाई गई है, जिससे नए कॉरिडोर के मेट्रो प्लेटफॉर्म का वजन झेल सके।
शहर का सबसे ऊंचा मेट्रो स्टेशन
इसके साथ ही हैदरपुर बादली मोड़ स्टेशन दिल्ली का सबसे ऊंचा स्टेशन बन गया है। यहां पर फेज-4 के कॉरिडोर का स्टेशन बनने से इसकी कुल ऊंचाई 23.58 मीटर हो गई है, जो कि 7 मंजिला मकान की ऊंचाई के बराबर है। इसके अलावा इस स्टेशन के पास ही पिलर संख्या 340 के पास जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम कॉरिडोर का वायाडक्ट 28.362 मीटर की ऊंचाई पर बना है, जो दिल्ली मेट्रो का सबसे ऊंचा प्वाइंट है। इससे पहले पहले धौला कुआं में पिंक लाइन का कॉरिडोर सबसे ऊंचा था, जिसका वायाडक्ट 23.6 मीटर ऊंचा है।