Delhi Zoo: अफ्रीकी हाथी शंकर के दिल में जम गया था खून का थक्का, चौंकाने वाला खुलासा
दिल्ली चिड़ियाघर में अफ्रीकी हाथी शंकर की 17 सितंबर को मौत हो गई थी। अब शुरुआती जांच में पता चला है कि तीव्र ह्रदय विफलता की वजह से उसकी जान गई है।
दिल्ली चिड़ियाघर में अफ्रीकी हाथी शंकर की 17 सितंबर को हुई थी मौत
राष्ट्रीय प्राणी उद्यान यानी दिल्ली चिड़ियाघर में अफ्रीकी हाथी शंकर की मौत के पीछे की चौंकाने वाली वजह सामने आई है। शुरुआती जांच में पता चला है कि शंकर की मौत तीव्र ह्रदय विफलता मतलब एक्यूट कार्डियेक फेलियर की वजह से हुई है। चिड़ियाघर प्रशासन को अब आईवीआरआई बरेली से आने वाली लैब रिपोर्ट के आने का इंतजार है ताकि ह्रदय विफलता के पीछे का वास्तविक कारण पता चल सके।
आईवीआरआई बरेली में वन्यजीव विभाग के नोडल अधिकारी अभिजीत पावड़े ने बताया कि 17 सितंबर को दिल्ली चिड़ियाघर में हाथी शंकर की मौत हुई थी। बताया गया कि शंकर ने मौत से दो दिन पहले ही खाना पीना छोड़ दिया था। 17 सितंबर को उसने फल और सब्जियां खाईं, लेकिन कुछ समय बाद दस्त की समस्या देखी गई। शाम को अचानक वो अपनी शेड में गिर गया। उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
उन्होंने बताया कि आईवीआरआई बरेली, स्वास्थ्य परामर्श समिति और पर्यावरण मंत्रालय की टीम द्वारा शंकर का पोस्टमार्टम किया गया। उन्होंने बताया कि शुरुआती जांच में पाया कि शंकर की मौत दिल में खून का थक्का जमने से हुई है। शंकर के खून में थक्का किस तरह से बना? इसका पता लगाने के लिए विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार है।
बता दें कि अफ्रीकी हाथी शंकर को 1998 में जिम्बाब्वे से लाया गया था। उसके साथ साथी भी था, लेकिन उसकी मृत्यु होने के बाद से शंकर के व्यवहार में बदलाव देखा गया था। दिल्ली चिड़ियाघर के निदेशक डॉ. संजीत कुमार ने बताया कि शंकर की मौत की वजह एक्यूट कार्डियेक फेलियर बताया गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में खून का थक्का किसी बैक्टिरियल संक्रमण या शाक के कारण बना, इसका पता लगाया जा रहा है। बहरहाल, पक्षियों और जानवरों के अलावा कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए भी सभी जैव सुरक्षा और सैनिटेशन उपाय लागू किए गए हैं। दिल्ली चिड़ियाघर कब खुलेगा, इसका निर्णय जल्द लिया जाएगा।
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