DDA: अब यमुना के डूब क्षेत्र में नहीं होगा अतिक्रमण, डीडीए करेगा ये काम

Yamuna Flood Zone: दिल्ली में यमुना के डूब क्षेत्र में अतिक्रमण पर रोक लगाने के लिए खास योजना बनाई है। जानें क्या है DDA का प्लान...

Updated On 2025-07-22 09:47:00 IST
यमुना के डूब क्षेत्र में अतिक्रमण पर DDA लगाएगा लगाम।

Yamuna Flood Area Encroachment: राजधानी दिल्ली में अतिक्रमण एक बड़ी समस्या है। यमुना के बाढ़ क्षेत्र में बहुत से लोग अवैध तरीके से घर बनाकर रहना शुरू कर देते हैं। ऐसे में दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी (DDA) ने खास योजना बनाई है। DDA वजीराबाद बैराज से ITO बैराज तक यमुना के डूब क्षेत्र के 11 किमी लंबे हिस्से में स्टील की बाड़ लगाएगा। इससे यमुना नदी के डूब क्षेत्र में अतिक्रमण पर लगाम लगेगी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, DDA इस योजना में बाढ़ क्षेत्र में मौजूद अपने पार्कों को आपस में जोड़ सकता है। सोमवार को DDA के अधिकारियों ने बताया कि इस योजना का मकसद है कि पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र को अतिक्रमण से बचाया जा सके।

18 करोड़ का आएगा खर्च

अधिकारियों ने बताया कि इस योजना में करीब 18 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है। इसके लिए ठेकेदार कॉन्ट्रैक्ट दिया जाएगा, जिसे इस काम को 4 महीने में पूरा करना होगा। इससे यमुना नदी के बाढ़ क्षेत्र को फिर से प्राप्त किया जा सकेगा। बता दें कि DDA ने इसी साल अप्रैल में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) को बताया था कि जनवरी से लेकर अप्रैल के बीच यमुना वनस्थली परियोजना के तहत 24 एकड़ की जमीन की अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है। DDA के एक अधिकारी ने बताया कि स्टील के बाड़ से यमुना वाटिका, असिता और ईस्ट-वेस्ट दोनों तटों पर अन्य खाली पड़े क्षेत्रों सुरक्षित होंगे। इसके लिए टेंडर भी जारी कर दिया गया है।

यमुना किनारे DDA के प्रोजेक्ट्स

यमुना के डूब क्षेत्र में पिछले कुछ सालों में कई मनोरंजक स्थल जैसे पार्क और कैफे बनाए गए हैं। ये सभी पार्क-कैफे DDA द्वारा वजीराबाद बैराज से लेकर ओखला बैराज तक नदी के 22 किमी लंबे हिस्से में डेवलप किए गए हैं। DDA के प्रोजेक्ट्स में असिता ईस्ट और वेस्ट तथा कालिंदी अविरल है, जिनमें बांसेरा पार्क, अमृत जैव विविधता पार्क, वासुदेव घाट और यमुना वाटिका शामिल हैं। इनका कुल एरिया 740 हेक्टेयर है।

इसके अलावा DDA यमुना वनस्थली परियोजना पर काम कर रहा है, जो यमुना नदी के डूब क्षेत्र के पुनरुद्धार की परियोजनाओं में से एक है। यह परियोजना वजीराबाद बैराज से सराय काले खां ISBT पुल तक फैली हुई है।

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