Delhi University: डीयू के प्रोफेसर के खिलाफ जांच पूरी, नाबालिग छात्रा से उत्पीड़न का आरोप
दिल्ली में पिछले साल डीयू के प्रोफेसर पर नाबालिग छात्रा से शारीरिक उत्पीड़न का आरोप लगा था। उसके खिलाफ पॉस्को एक्ट में केस दर्ज है। अब आंतरिक शिकायत समिति ने भी जांच पूरी कर ली है।
दिल्ली यूनिवर्सिटी का प्रोफेसर नाबालिग छात्रा से शारीरिक उत्पीड़न में फंसा।
दिल्ली विश्वविद्यालय की नाबालिग छात्रा से शारीरिक उत्पीड़न और दुर्व्यवहार के गंभीर आरोपों में फंसे प्रोफेसर के खिलाफ जांच पूरी हो चुकी है। यूनिवर्सिटी की आंतरिक शिकायत समिति (ICC) ने अपनी जांच में प्रोफेसर को 'गिल्टी' बताकर प्रोफेसर को सेवा से हटाने की सिफारिश की है। अब उपकुलपति इस मामले पर अंतिम फैसला देंगे।
मीडिया रिपोर्ट़्स के मुताबिक, डीयू के इस प्रोफेसर के खिलाफ पिछले साल दिसंबर में शिकायत सामने आई थी। प्रोफेसर पर आरोप है कि उसने नाबालिक छात्रा से शारीरिक उत्पीड़न और दुर्व्यवहार किया। मामले सामने आने के बाद आईसीसी ने तुरंत प्रोफेसर को तत्काल प्रभाव से कॉलेज से दूर रहने और स्टूडेंट्स के संपर्क में न आने का आदेश था।
इसके बाद यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया, लेकिन जनवरी 2025 में AISA, SFI और ABVP जैसे छात्र संगठनों ने कैंपस में विरोध प्रदर्शन किया तो फिर से प्रोफेसर के खिलाफ जांच तेजी से पूरा करने का भरोसा दिया गया। यही नहीं, मामला सुर्खियों में आते ही प्रोफेसर से अतिरिक्त प्रशासनिक पदों से भी इस्तीफा मांग लिया गया।
छात्रों का आरोप है कि आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ भी छात्राओं से अनुचित व्यवहार से संबंधित तीन शिकायतें दर्ज हुई हैं, लेकिन हर बार इस प्रोफेसर को बचा लिया जाता है ताकि संस्थान का नाम खराब न हो। छात्रों का कहना था कि जब तक इस प्रोफेसर के खिलाफ केस दर्ज नहीं होता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
छात्र संगठनों के आक्रोश को देखते हुए पुलिस ने आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ पॉस्को एक्ट में केस दर्ज कर लिया था, लेकिन अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई थी क्योंकि आंतरिक शिकायत समिति की जांच पूरी नहीं हुई थी। अब आईसीसी ने अपनी जांच पूरी कर ली है। आईसीसी ने सिफारिश की है कि अगर प्रोफेसर को सेवा में बने रहने दिया तो यह न केवल छात्राओं के लिए बल्कि संस्थान के लिए भी खतरनाक साबित होगा। अब यह जांच रिपोर्ट उपकुलपति को भेज दी गई है। अब उपकुलपति क्या फैसला लेंगे, इस पर सबकी नजर रहेगी।