Delhi Sanjay Lake: दिल्ली की संजय लेक पर खुलेगा नया रेस्तरां, DDA ने बनाया ये प्लान
Delhi Sanjay Lake: दिल्ली की संजय लेक पहले से भी ज्यादा आकर्षक बनने जा रही है। यहां पर खाने-पीने के लिए शानदार रेस्तरां खोलने का प्लान बनाया गया है। जानें डिटेल्स...
दिल्ली के संजय लेक पर खुलेगा नया रेस्तरां।
Delhi Sanjay Lake: दिल्ली के त्रिलोकपुरी स्थित संजय लेक परिसर पर एक नया रेस्तरां खुलने जा रहा है। इससे वहां आने वाले टूरिस्टों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। यहां पर आने वाले लोग रेस्तरां में स्वादिष्ट खाने का आनंद ले पाएंगे और परिवार के साथ क्वालिटी टाइम बिता सकेंगे। दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी (डीडीए) के अधिकारियों ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि संजय लेक परिसर में रेस्तरां निजी एजेंसी द्वारा चलाया जाएगा। इसके लिए डीडीए ने टेंडर जारी कर दिया है।
डीडीए के अधिकारियों के अनुसार, रेस्तरां खोलने वाली कंपनी को 9 साल का लाइसेंस दिया जाएगा। यह प्रोजेक्ट संजय लेक पर सुविधाओं को बढ़ाने के लिए किया जा रहा है, जिससे ज्यादा टूरिस्टों को आकर्षित किया जा सके।
कैसा होगा नया रेस्तरां?
डीडीए के अधिकारियों के अनुसार, संजय लेक पर खुलने जा रहा नए रेस्तरां का कुल एरिया 535 स्क्वायर मीटर होगा। इसके अलावा बैठने के लिए लगभग 800 स्क्वायर मीटर का खुला एरिया होगा। यह रेस्तरां प्राइवेट एजेंसी द्वारा चलाया जाएगा, जिसे 3 साल के लाइसेंस पर दिया जाएगा। इस लाइसेंस को 2 बार 3-3 साल के लिए आगे बढ़ाया जा सकेगा।
जानकारी के अनुसार, इस रेस्तरां में टूरिस्टों को कई अलग-अलग तरह के खाने पीने के सामान मिलेंगे। रेस्तरां के मेन्यू में चाय-कॉफी से लेकर बेकरी आइटम्स, स्नैक्स और ताजे कोल्ड ड्रिंक्स मिल शामिल हो सकते हैं।
शराब भी परोसी जाएगी?
डीडीए अधिकारियों का कहना है कि अगर रेस्तरां का प्रदर्शन अच्छा रहा, तो भविष्य में वहां पर शराब परोसने की भी अनुमति दी जाएगी। इसके लिए रेस्तरां का रखरखाव और संचालन करने वाली एजेंसी को आबकारी लाइसेंस लेना होगा। शराब परोसने के लाइसेंस के लिए आवेदन से पहले डीडीए को सूचित करना होगा।
संजय लेक पर बढ़ेगी टूरिस्टों की संख्या
संजय लेक, ईस्ट दिल्ली के त्रिलोकपुरी में स्थित है। यह काफी फेमस टूरिस्ट प्लेस है, जो 69 हेक्टेयर में फैला हुआ है। इसमें 17 हेक्टेयर के एरिया में झील और बाग-बगीचे समेत घूमने और मनोरंजन की सुविधाएं हैं। संजय लेक एक कृत्रिम झील है, जो साल 1970 में यमुना और हिंडन नदियों के बैकफ्लो से बनाई गई थी। यहां पर कई तरह की सुविधाएं हैं, लेकिन खाने पीने के लिए अच्छी जगह नहीं है। ऐसे में नया रेस्तरां खुलने से यह कमी भी दूर हो जाएगी।