Explainer: क्या दिल्ली में बारिश से सचमुच मिलती राहत? फिर क्यों सताता चिपचिपा पसीना, हो जाता जीना मुश्किल?
Delhi Humidity After Rains Reasons: दिल्ली में बारिश होने के बावजूद भी लोगों को गर्मी से राहत नहीं मिल पाती है। बल्कि उमस बढ़ने की वजह से लोगों को हाल बेहाल हो जाता है। आइए जानें इस उमस के बढ़ने की वजह और क्यों चिपचिपा हो जाता है पसीना...?
दिल्ली में बारिश के बाद क्यों बढ़ जाती है उमस?
Why So Hot Humid In Delhi: अगर आप देश की राजधानी दिल्ली में रहते हैं, तो आप यहां के मौसम से अच्छी तरह वाकिफ होंगे। आपने अक्सर ऐसा महसूस किया होगा कि हम भीषण गर्मी में बारिश का इंतजार करते हैं, जिसके बाद बारिश तो होती है, लेकिन राहत नहीं मिल पाती। हालांकि तापमान में गिरावट होती है। इसके बावजूद हीट इंडेक्स यानी कि फील होने वाला तापमान सामान्य तापमान से काफी ज्यादा दर्ज किया जाता है। आइए समझते हैं इसके पीछे की वजह...
आखिर क्या है दिल्ली में उमस की बड़ी वजह?
दिल्ली में बारिश के बाद उमस बढ़ने की कई बड़ी वजहें हैं। इनमें सबसे पहले आता है इसका लोकेशन। राजधानी दिल्ली सिंधु-गंगा के मैदानों में यमुना नदी के किनारे स्थित है। साथ ही हिमालय और अरावली की पहाड़ियों से घिरा हुआ है। इसके चलते गर्म हवा और नमी यहां से बाहर नहीं निकल पाती है। इसके अलावा दिल्ली थार रेगिस्तान के भी पास पड़ता है, जिसकी वजह से गर्म हवा आती है। खासकर मानसून के समय में अरब सागर और बंगाल की खाड़ी की ओर से पूर्वी हवाएं दिल्ली की तरफ आती हैं, जिससे हवा में नमी बढ़ जाती है और मौसम में उमस ज्यादा हो जाती है। वहीं, मौसम विभाग की मानें, तो इस समय अरब सागर के ऊपर चक्रवाती हवाएं चल रही हैं, जिससे दिल्ली में नमी आ रही है।
वहीं, दिल्ली शहर की बात करें, तो यहां पर ज्यादातर एरिया में कंक्रीट और डामर की सतहें (Surface) है, जिससे हीट को सोख लेती है। इससे दिन के समय शहर में तापमान बढ़ता है और फिर रात में उमस बढ़ती है। वहीं, गांव के इलाकों में ऐसा नहीं देखने को मिलता है। मौसम वैज्ञानिकों की मानें, तो अगर दिल्ली में भारी बारिश होती है, तो ऐसी स्थिति देखने को नहीं मिलेगी।
बारिश से क्यों नहीं मिलती राहत?
दिल्ली में अक्सर लोग ऐसा महसूस करते हैं कि बारिश तो हुई, मगर गर्मी से राहत नहीं मिली। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कभी-कभी बारिश हल्की होती है, जिससे जमीन की गर्मी बाहर आ जाती है। ये गर्मी बाहर निकलने के बाद हवा में नमी बढ़ाता है। हालांकि बारिश होने से तापमान कम हो जाता है, जिससे थर्मामीटर पर कम हीट दिखाई देता है। लेकिन उमस की वजह से लोगों को तापमान ज्यादा फील होता है। बता दें कि बीते रविवार को दिल्ली के कुछ इलाकों में हल्की बूंदाबांदी हुई, जिससे तापमान लगभग 35 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, लेकिन फिर भी राहत नहीं मिली, क्योंकि हीट इंडेक्स 47.5 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था। वहीं, सोमवार को दिल्ली में हवी में 71 फीसदी नमी दर्ज की गई।
उमस बढ़ने से शरीर पर क्या प्रभाव?
मौसम में ज्यादा नमी होने से हीट बढ़ती है। हवा में नमी होने की वजह से हमारे शरीर से निकलने वाले पसीने के वाष्पीकरण नहीं हो पाता है, जिससे चिपचिपापन महसूस होता है। उमस की वजह से शरीर में पानी की ज्यादा कमी होती है, जिससे लोगों को सांस लेने में तकलीफ, एलर्जी और थकान जैसी दिक्कतों से जूझना पड़ता है। इसका असर शारीरिक रूप से कमजोर लोगों पर ज्यादा पड़ता है।
उमस के अलावा और क्या परेशानी?
जहां एक ओर कम बारिश होने से लोग उमस से परेशान हो जाते हैं, वहीं ज्यादा बारिश होने से भी दिक्कतें और भी ज्यादा बढ़ जाती हैं। दिल्ली में हर साल मानसून में तेज बारिश के दौरान सड़कों पर जलभराव हो जाता है, जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या होती है। इसके अलावा सड़कों और रास्तों पर पानी भरे होने की वजह से बहुत सी दुर्घटनाएं भी होती हैं। हर साल दिल्ली सरकार मानसून में जलभराव को रोकने की तैयारियां करता है, लेकिन कामयाबी नहीं मिल पाती है।