दिल्ली पुलिस की पहल: साइबर जागरूकता अभियान को छठ पर्व से जोड़ा, ठगी से बचेंगे श्रद्धालु

साउथ ईस्ट के डीसीपी हेमंत तिवारी ने बताया कि छठ को बड़े पैमाने पर मनाने के लिए 2000 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। सीसीटीवी और ड्रोन के माध्यम से निगरानी की जाएगी।

Updated On 2025-10-26 16:13:00 IST

साउथ ईस्ट के डीसीपी हेमंत तिवारी छठ पर पुलिस इंतजामों की जानकारी देते हुए। 

दिल्ली ही नहीं बल्कि देश के तमाम राज्यों की पुलिस के लिए साइबर अपराध एक गंभीर समस्या बन चुकी है। मोटे मुनाफे के लिए निवेश करने का झासा देना, डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाना, भोले भाले लोगों से ओटीपी लेकर उनके खातों से रकम उड़ाना समेत कई तरीकों से लोगों को साइबर ठग नुकसान पहुंचा रहे हैं। ऐसे में दिल्ली पुलिस ने साइबर क्राइम पर नकेल कसने के लिए कमर कस रखी है।

साउथ ईस्ट के डीसीपी हेमंत तिवारी ने बताया कि इस बार एक नई मुहिम साइबर जागरूकता अभियान को छठ से जोड़ा गया है। सभी बड़े छठ घाटों पर सभी श्रद्धालुओं को साइबर क्राइम को लेकर जागरूक किया जाएगा ताकि सभी को साइबर ठगी से बचाया जा सके। उन्होंने बताया कि इस बार छठ को बड़े पैमाने पर मनाने के लिए पुलिस प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए हैं। 2000 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। सीसीटीवी और ड्रोन के माध्यम से निगरानी की जाएगी।

रामलीला के दौरान भी किया था जागरूक

दिल्ली पुलिस हर मौके पर लोगों को साइबर क्राइम से बचने के लिए लोगों को जागरूक कर रही है। रामलीला के मंचन के दौरान भी दिल्ली पुलिस ने ऐसी मुहिम की शुरुआत की थी। रामलीला शुरू होने और रामलीला के मंचन के बाद बड़ी स्क्रीन पर लोगों को साइबर क्राइम से बचने के लिए टिप्स दी गई थी। यही नहीं, दिल्ली पुलिस के अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोगों को साइबर फ्रॉड से बचने के लिए जागरूक किया जा रहा है।

इस साल 1000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान

आंकड़ों पर नजर डालें तो जनवरी माह से लेकर सितंबर माह के बीच दिल्ली के लोगों को करीब 1000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। पुलिस ने लोगों को ऑनलाइन ठगी से बचने की टिप्स दी है। पुलिस का कहना है कि किसी भी किसी के साथ ओटीपी, सीवीवी या पासवर्ड साझा नहीं करना चाहिए। संदिग्ध लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए और न ही अज्ञात ऐप को डाउनलोड करना चाहिए। बैंक, पुलिस या किसी सरकारी विभाग के अधिकारी की आंख बंदकर भरोसा नहीं करना चाहिए बल्कि उसकी बताई बातों की पुष्टि करनी चाहिए। अगर साइबर फ्रॉड होता है, तो तुरंत 1930 पर रिपोर्ट करना चाहिए।

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