Delhi Police: करोल बाग में बन रहे थे अवैध मोबाइल... पुलिस ने फैक्ट्री पर मारा छापा, 5 अरेस्ट
Illegal Mobile Factory Busted: दिल्ली पुलिस ने करोल बाग इलाके में अवैध मोबाइल फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। आरोपियों के कब्जे से 1,826 अवैध मोबाइल बरामद किए गए हैं।
दिल्ली पुलिस ने करोल बाग में अवैध मोबाइल फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया।
Illegal Mobile Factory Busted: राजधानी दिल्ली में एक बड़े अवैध मोबाइल फोन फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ है। दिल्ली पुलिस ने ऑपरेशन साइबर हॉक के तहत करोल बाग में अवैध मोबाइल बनाने वाली यूनिट का पर्दाफाश किया है। इस मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस फैक्ट्री में अवैध मोबाइल बनाने और आईएमईआई नंबर बदलने का काम किया जा रहा था।
पुलिस ने छापेमारी के दौरान आरोपियों के कब्जे से 1,826 मोबाइल फोन बरामद किए हैं। इसके अलावा हजारों मोबाइल बॉडी पार्ट्स, एक लैपटॉप, आईएमईआई बदलने वाला सॉफ्टवेयर, आईएमईआई स्कैनर और अन्य उपकरण बरामद किए गए हैं। दिल्ली पुलिस ने इसे कार्रवाई को टेलीकॉम सेक्टर में होने वाली अवैध गतिविधियों के खिलाफ बड़ा एक्शन बताया है।
कैसे हुआ फैक्ट्री का भंडाफोड़
दरअसल, करोल बाग थाना पिछले 2 हफ्ते से मोबाइल से जुड़ी अवैध गतिविधियों पर निगरानी बनाए हुए है। इसी दौरान पुलिस को सूचना मिली कि करोल बाग थाना क्षेत्र में बीदनपुरी स्थित गली नंबर-22 की एक बिल्डिंग में अवैध मोबाइल असेंबलिंग यूनिट के बारे में जानकारी मिली। सूचना के अनुसार, आरोपी पुराने मदरबोर्ड का इस्तेमाल करके नए बॉडी पार्ट्स के साथ मोबाइल तैयार करते थे। इसके बाद स्पेशल सॉफ्टवेयर के जरिए मोबाइल में नई आईएमईआई डालते थे।
20 नंवबर को पुलिस ने आदित्य इलेक्ट्रॉनिक्स एंड एक्सेसरीज की चौथी मंजिल पर छापेमारी की। इस दौरान पुलिस ने देखा कि 5 लोग पुराने मोबाइल मदरबोर्ड लेकर उन्हें नए बॉडी पार्ट्स में फिट कर रहे थे। पुलिस ने मौके से सभी 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों की पहचान अशोक कुमार, रामनारायण, धर्मेंद्र कुमार, दीपांशु और दीपक के रूप में की गई है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ बीएनएस और दूरसंचार अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत आरोप लगाए गए।
चीन से मंगाते थे पार्ट्स
पुलिस के अनुसार, आरोपी कुछ खास सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते थे, जिससे वे मोबाइल का असली आईएमईआई नंबर बदलकर नकली आईएमईआई डाल देते थे। इसके बाद फोन की पैकिंग करके बाजारों में बेच दिया जाता था। अधिकारियों के अनुसार, ये मोबाइल फोन करोल बाग, गफ्फार मार्केट समेत दिल्ली-एनसीआर के कई मार्केट में बेचे जाते थे।
इन मोबाइल फोन आईएमईआई बदलने की वजह से ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है, जिसके कारण अपराधी इनका ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे स्क्रैप डीलर्स से पुरानी मदरबोर्ड खरीदते थे और नए पार्ट्स चीन से मंगाते थे। फिलहाल पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर पूरे नेटवर्क का खुलासा करने की कोशिश कर रही है। मामले की जांच जारी है।
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