Delhi High Court: बच्चों की सुरक्षा को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट सख्त, क्रूरता मामले में एफआईआर रद्द करने से इनकार

Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर अहम टिप्पणी की है। साथ ही 7 साल के बच्चे से क्रूरता मामले में एफआईआर रद्द करने से भी इनकार कर दिया।

Updated On 2025-07-08 15:24:00 IST

बच्चों की सुरक्षा को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट सख्त

Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट ने 7 साल के बच्चे के साथ कथित क्रूरता मामले में दर्ज एफआईआर को रद्द करने वाली याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि इस तरह की घटनाएं समाज की सामूहिक चेतना पर असर डालते हैं। ऐसे विवादों को निजी मानकर मिटाया नहीं जा सकता। कोर्ट ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा सिर्फ पारिवारिक नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी है।

बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई। इस याचिका में एक महिला ने बताया कि जून 2023 में उसके बेटे के साथ पड़ोसी अमित और उसकी पत्नी ने मारपीट की। बाद में उसे बिजली के झटके तक दिए। इस मामले में दिल्ली के गोविंदपुरी थाने में कई अलग-अलग धाराओं में मामला दर्ज किया गया। हालांकि बाद में पीड़ित पक्ष और आरोपी पक्ष के बीच समझौता हो गया।

इस समझौते को आधार बनाकर आरोपी पक्ष ने दिल्ली हाईकोर्ट में अपने ऊपर दर्ज एफआईआर को रद्द कराने के लिए याचिका दाखिल की थी। वहीं पीड़ित पक्ष ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि उन्होंने बिना किसी दबाव या जोर जबरदस्ती के ये समझौता किया है।

जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने इस मामले में आदेश देते हुए साफ कर दिया कि इस तरह के गंभीर आरोप केवल आपसी समझौते के आधार पर खारिज नहीं किए जा सकते। ऐसे अपराध सिर्फ पीड़ित पर असर नहीं डालते बल्कि समाज में बच्चों की सुरक्षा और जनहित से जुड़े सवाल भी खड़े करती है। ऐसे में एफआईआर को इस स्तर पर रद्द करना आपराधिक न्याय व्यवस्था को कमजोर करेगा और ये एक गंभीर पेश करेगा।

इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में बच्चे के बयान को महत्वपूर्ण माना है। बच्चे ने बताया कि जब वो सात साल का था, तब उसके साथ हिंसा की गई, साथ ही बिजली के झटके दिए गए। हाईकोर्ट ने कहा कि इस तरह की हिसां और मनोवैज्ञानिक आघात को हल्के में नहीं लिया जा सकता। भले ही झटका देने के लिए टॉर्च का इस्तेमाल किया गया हो। आरोपों की गंभीरता, पीड़ित की उम्र और कानून को देखते हुए इस एफआईआर को रद्द करने की इजाजत नहीं दी जा सकती। 

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